गणित में अपरिमित समुच्चय उस समुच्चय को कहते हैं जो परिमित समुच्चय नहीं है अर्थात् जिसमें अवयवों की संख्या परिमित नहीं हो अर्थात् अपरिमित या अनन्त हो।[1]

उदाहरण संपादित करें

  • सभी पूर्णांकों का समुच्चय Z={..., -2, -1, 0, 1, 2, ...}
  • P = {x:x = x, x कोई संख्या है।}

गुणधर्म संपादित करें

  • इस तरह के समुच्चयों को निरुपित करने के लिए सामान्यतः अनन्त अवस्था (...) अथवा किसी वाक्य का प्रयोग किया जाता है जो सम्पूर्ण समुच्चय को निरुपित करे।
  • रिक्त समुच्चय अपरिमित समुच्चय का इसके स्वयं संघ के साथ पूरक समुच्चय होता है।
  • यह आवश्यक नहीं की किसी अपरिमित समुच्चय का उपसमुच्चय अपरिमित हो लेकिन किसी भी अपरिमित समुच्चय का अधिसमुच्चय अपरिमित समुच्चय ही होगा। यदि A और B का सर्वनिष्ठ समुच्चय अपरिमित है तो A और B दोनों आवश्यक रूप से अपरिमित समुच्चय होंगे।
  • समुच्चयों का संघ भी अपरिमित समुच्चय होगा यदि कोई भी एक समुच्चय अपरिमित हो।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. शीलवंत सिंह (2011). सिविल सेवा प्रारम्भिक परिक्षा. टाटा मैकग्रा - हिल एजुकेशन. पृ॰ 54. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780071074810.