अल्फ़ा पॅगासाई, जिसका बायर नाम भी यही (α Pegasi या α Peg) है, पर्णिन अश्व तारामंडल के क्षेत्र में स्थित एक तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ८९वाँ सब से रोशन तारा है। इसकी पृथ्वी से देखी गई चमक (सापेक्ष कान्तिमान) +२.४९ मैग्नीट्यूड है। अल्फ़ा पॅगासाई हमसे लगभग १३३ प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।[1]

अल्फ़ा पॅगासाई पर्णिन अश्व तारामंडल में 'α' के चिह्न द्वारा नामांकित तारा है

अन्य भाषाओँ में संपादित करें

अल्फ़ा पॅगासाई तारे को अंग्रेज़ी में "मरकब" (Markab) भी कहते हैं, जो अरबी के "मरकब" (مركب‎) से लिया गया है, जिसका अर्थ "(घोड़े की) जीन" है। पारम्परिक भारतीय खगोलशास्त्र में अल्फ़ा पॅगासाई और बेटा पॅगासाई को मिलाकर "पूर्वभाद्रपदा" नक्षत्र का नाम दिया जाता है, जिसका अर्थ है "पहले वाले ख़ुश क़दम"।

विवरण संपादित करें

अल्फ़ा पॅगासाई B9 III श्रेणी का मुख्य अनुक्रम तारा है, जिसका द्रव्यमान हमारे सूरज के द्रव्यमान का लगभग ४ गुना और व्यास (डायामीटर) हमारे सूरज के व्यास का २.८ गुना है। इसकी तारे की निहित चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) सूरज की लगभग १६० गुना है। इसका सतही तापमान ११,००० कैल्विन अनुमानित किया गया है। खगोलशास्त्रियों ने अंदाज़ा लगाया है कि यह अपने मुख्य अनुक्रम जीवन के अंत में है और कुछ समय में यह हाइड्रोजन का नाभिकीय संलयन (न्यूक्लीयर फ्यूज़न) छोड़कर हीलियम का संलयन शुरू कर देगा। इस अवस्था में पहुँचने पर यह फूलकर एक लाल दानव तारा बन जाएगा। इसके पश्चात यह सिकुड़कर अपना जीवन एक सफ़ेद बौने तारे के रूप में अंत करेगा।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Fred Schaaf. "The brightest stars: discovering the universe through the sky's most brilliant stars". John Wiley and Sons, 2008. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780471704102. मूल से 14 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अक्तूबर 2011.