असजद रज़ा ख़ान, एक भारतीय इस्लामी जानकार हैं जो बरेलवी आंदोलन के सूत्रधार के इमाम अहमद रज़ा ख़ान बरेलवी के परपोते हैं और सूफ़ी संत ताजुशशरिया अख़्तर रज़ा ख़ान के बेटे हैं.[1][2][3] यह अभी भारत के ग्रैंड मुफ़्ती के रूप में कार्यरत है साथ में इन्हें क़ाज़ी उल कुज़्ज़ात और क़ाज़ी-ए-हिंदुस्तान का लक़ब भी दिया गया है।

कथन और विचार संपादित करें

अतिवादी विचारधाराओं का प्रतिकार किया जाना चाहिए संपादित करें

2019 में श्रीलंका में बम विस्फोटों के बाद, असजद रज़ा ने एक कड़े शब्दों में बयान जारी कर हमलों की निंदा की और सभी देशों से "बुराई को दूर करने" और आतंकवादी विचारधाराओं का मुकाबला करने का आग्रह किया।[4]

जाकिर नाइक पर प्रतिबंध लगाने की मांग संपादित करें

बांग्लादेश में आतंकवादी हमले में हमलावरों के प्रभावशाली लोगों में से एक के रूप में जाकिर नाइक का नाम आने पर असजद ने कहा: “भारत सूफीवाद की भूमि है। डॉ. नाइक आतंकवाद की भाषा बोलते हैं। उनके विचार इस्लामी नहीं, बल्कि (कट्टरपंथी) वहाबीवाद से संबंधित हैं। 2008 में हमने केंद्र और राज्य सरकारों से उनके भाषणों और कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। सूफी बरेलवी उनके खिलाफ एकजुट हैं।”[5]

असजद रजा ने मुस्लिम युवाओं से उनके भाषण सुनने से परहेज करने की भी अपील की।[6][7]

राष्ट्रीय गीत सुनाने से इंकार संपादित करें

असजद रज़ा ने उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के बावजूद, "गैर-इस्लामिक" होने के कारण अल्पसंख्यक संचालित शैक्षणिक संस्थानों में भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर वंदे मातरम गीत को जबरन गाने का विरोध किया।[8][9][10]

संदर्भ संपादित करें

  1. "Will boycott NPR in its current form, say prominent Sunni clerics". Times of India. 19 March 2020. अभिगमन तिथि 5 April 2020.
  2. "Muslim clerics to spread awareness against CAA, NRC". Daijiworld. 23 January 2020. अभिगमन तिथि 5 April 2020.
  3. Agarwal, Priyangi (August 8, 2016). "Bareilly cleric among world's most influential Muslims". द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-06-14.
  4. "Extreme ideologies must be repelled: Indian Grand Mufti". Daily News (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-09-09.
  5. "Zakir Naik's activities are against Islam: Bareilly clerics". The Times of India. 2016-07-07. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-8257. अभिगमन तिथि 2023-09-09.
  6. "'Islam does not approve of killings': Aligarh Muslims slam Zakir Naik's sermons". Hindustan Times (अंग्रेज़ी में). 2016-07-10. अभिगमन तिथि 2023-09-09.
  7. "बरेली: मुफ्ती असजद रजा खां बोले- अपने बच्चों को दिलाएं दीनी दुनियावी तालीम, बच्चियों को मोबाइल से रखें दूर". Prabhat Khabar. 2023-05-28. अभिगमन तिथि 2023-09-09.
  8. Vidhya, K. (2017-08-13). "Singing national anthem is un-Islamic, say UP Muslim clerics". www.ibtimes.co.in (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-09-09.
  9. "Do not sing national song on I-Day: Cleric asks madarsas to defy Yogi govt order". Hindustan Times (अंग्रेज़ी में). 2017-08-13. अभिगमन तिथि 2023-09-09.
  10. "National Security Act May be Slapped on Madrassas for Violating I-Day Diktat". News18 (अंग्रेज़ी में). 2017-08-16. अभिगमन तिथि 2023-09-09.