गणित और भौतिकी में आयाम (amplitude) को कई प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है। कोई आवर्ती फलन अपने पूर्ण आवर्तकाल में जितना अधिकतम परिवर्तित होता है, प्रायः उसे ही इसका आयाम (amplitude) कहा जाता है। इसके अलावा परिवर्ती फलनों के उच्चिष्ट और निम्निष्ट के अन्तर के परिमाण को भी आयाम कहते हैं। पहले तरंग की कला को भी आयाम बोला जाता था।[1]

ज्या तरंग वक्र के सन्दर्भ में विभिन्न प्रकार के आयामों का निरूपण
  1. शिखर आयाम (Peak amplitude) (),
  2. शिखर-से-शिखर आयाम (Peak-to-peak amplitude) (),
  3. वर्ग माध्य मूल आयाम (Root mean square amplitude) (),
  4. तरंग आवर्तकाल (Wave period) (यह 'आयाम' नहीं है)


आयाम- कंपित वस्तु अपनी मध्य सिथ्ति से अधिकतम जिस दूरी तक जाती है उसे आयाम कहते है

ज्या तरंग का गणितीय निरूपण संपादित करें

ज्यावक्रीय तरंग को निम्नलिखित समीकरण द्वारा निरूपित कर सकते हैं-

 

जहाँ

  •   तरंग का आयाम (या, शिखर आयाम) है,
  •   परिवर्ती चर का तात्क्षणिक मान है,
  •   कोणीय आवृत्ति है,
  •   समय है,
  •   तथा   कोई स्वेच्छ नियतांक (arbitrary constant) हैं जो क्रमशः समय में ऑफसेट (offset) एवं विस्थापन के ऑफसेट कहे जा सकते हैं।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. कनोप्प, कोन्राद; बगेमिह्ल, फ्रेडरिक (१९९६). Theory of Functions Parts I and II [फलनों का सिद्धान्त भाग प्रथम और द्वितीय] (अंग्रेज़ी में). डोवर पब्लिकेशन्स. पृ॰ ३. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-486-69219-7.