इन्दुमती सिंह का जन्म चटगाँव में हुआ। इनके पिता राजस्थान के राजपूत थे जो बंगाल में आकर बस गए थे। इन्दुमती चटगाँव के प्रशिक्षण क्लब की एक सदस्य थीं। मुक्ति युद्ध में भाग लेने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित थीं और हमेशा उत्सुक रहती थीं। उन्होंने क्रान्ति के लिइ बाहर घूम-घूम कर बहुत-सा धन संग्रह किया। १५ दिसम्बर १९३१ ई० को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बिना मुकदमा चलाए ही उन्हें ६ वर्षों तक जेल में बंद रखा गया। १९३७ में प्रांतीय सरकारें बनने पर अन्य क्रान्तिकारी युवतियों के साथ ही १९३७ के अन्त में वे रिहा हुईं।