उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी शहर में स्थित एक स्वायत्तशासी कालेज है। इस कॉलेज की स्थापना 1909 में भिनगा नरेश राजर्षि उदय प्रताप सिंह ने की थी।[1] यह यूजीसी से मान्यता प्राप्त है। इसे प्रायः "यूपी कॉलेज" के नाम से जाना जाता है। यह काॅलेज (हिवेट क्षत्रिय स्कूल एवं इंडाउमेंट ट्रस्ट) द्वारा संचालित है ।

उदय प्रताप स्वायत्तशासी कॉलेज
उदय प्रताप कॉलेज
उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी का प्रवेशद्वार
उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी का प्रवेशद्वार

स्थापित1909, उदय प्रताप सिंह जूदेव
प्रकार:स्वायत्त सार्वजनिक
मान्यता/सम्बन्धता:महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ
अध्यक्ष:न्यायमूर्ति के.एन. सिंह
उपाध्यक्ष:श्री. लालजी सिंह
अधीक्षक:डॉ॰ जे. सिंह
प्रधानाचार्य:डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह
शिक्षक:कला, शिक्षा, वाणिज्य, कृषि
अवस्थिति:वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत
(25°21′15″N 82°58′20″E / 25.35417°N 82.97222°E / 25.35417; 82.97222निर्देशांक: 25°21′15″N 82°58′20″E / 25.35417°N 82.97222°E / 25.35417; 82.97222)
जालपृष्ठ:[https://upcollege.ac.in/
महाविद्यालय का प्रतीक चिह्न

आरम्भ में इसे हिवेट क्षत्रिय हाईस्कूल के रूप में स्थापित किया गया था। वर्ष 1921 से उदय प्रताप इंटर काॅलेज की कक्षाएं शुरू की गई। 1949 में उदय प्रताप काॅलेज के रूप में स्थापित हुआ। यहाँ कला, मानविकी, विज्ञान एवं कृषि प्रबंधन से संबंधित विषय और पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। यूपी काॅलेज परिसर के अंदर और भी शिक्षण संस्थान संचालित हैं जिनमें रानी मुरार कुमारी बालिका इंटर काॅलेज, उदय प्रताप पब्लिक स्कूल, राजर्षी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी।[2]

प्रमुख पूर्व छात्र संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 मई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जुलाई 2012.
  2. "देखें विकिमैपिया पर कॉलिज की स्थिति". मूल से 19 अगस्त 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जुलाई 2012.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें