उल्टा सिर चार आने
उत्पादन करने वाला देश भारत
उत्पादन स्थल सर्वेक्षण कार्यालय, कलकत्ता
उत्पादन तिथि 1854
दुर्लभता की प्रकृति अति दुर्लभ
अनुमानित अस्तित्व 30
अंकित मूल्य चार आने
अनुमानित मूल्य

उल्टा सिर चार आने भारत में छपी एक एक प्रसिद्ध डाक टिकट है और डाक टिकटों के संग्राहकों के लिए बेशकीमती है। भारतीय सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा अश्ममुद्रित यह डाक टिकट 1854 में पहली बार मुद्रित हुई थी, इसे लाल और नीले रंग में छापा गया था और इसका मूल्य चार आने था[1], हालांकि इसके मुद्रण के दौरान हुई एक प्रतीप त्रुटि के कारण इस पर रानी का सिर "उल्टा" छप गया था। यह दुनिया की पहली बहुरंगी डाक टिकटों में से एक है, बेसल डव इसके लगभग यह 9 साल बाद आई।

चार आने की डाक टिकट संपादित करें

सर्वेक्षण कार्यालय, कलकत्ता द्वारा अश्ममुद्रित यह डाक टिकट दो रंगो नीले और लाल में छापी गयी थी और इसके लिए कागज को पहले लाल फ्रेम से और उसके बाद रानी के सिर को नीले फ्रेम से मुद्रित किया जाता था। टिकट की पहली छपाई १३ अक्टूबर १८५४ को शुरु हुई। इसकी पहली छपाई के दौरान कम से कम तीन लाल फ्रेमों को छापेखाने में उल्टा रखने से नीले रंग में छपने वाला सिर उल्टा छप गया, असल में उल्टा सिर ना होकर लाल फ्रेम उल्टी है पर प्रतीत यही होता है कि सिर ही उल्टा छपा है। मुद्रण के दौरान एक पत्रक पर १२ टिकट छापी गयी थीं और पहले ठप्पे से कुल 206,040 डाक टिकटों का उत्पादन हुआ। इस डाक टिकट की बहुत कम मूल टिकटें ही अब बची हैं।


सन्दर्भ संपादित करें

  1. http://www.firstissues.org/ficc/details/india_1.shtml Archived 2010-05-22 at the वेबैक मशीन First Issues Collectors Club (Retrieved 25 सितंबर 2006)