एम टी वी आचार्य

भारतीय चित्रकार और सचित्र बनाने वाला

एम टी वी आचार्य (1920-1992) एक चित्रकार, बाल पुस्तकों के चित्रकार और कला के शिक्षक थे। लोकप्रिय भारतीय बच्चों की पत्रिका चंदामामा के लिए आज उन्हें याद किया जाता है।

आचार्य ने मैसूर दशेहरा प्रदर्शनी में अपने छात्र जीवन के दौरान अपनी चित्रकारी के लिए पुरस्कार जीता था। प्रारंभ में उन्होंने बंगलौर में हिंदुस्तान विमान के साथ काम किया। अपनी पहली चित्र प्रदर्शनी 1945 में चेन्नई में थे। उन्होंने 1947 में तमिल बाल पत्रिका चंदामामा में शामिल हो गए और बाद में कन्नड़ संस्करण के संपादक बने। उन्होंने चंदामामा के लिए कई कवर चित्रित किया।

1963 और 1965 के बीच वे कन्नड़ दैनिक तैनादु के कला निर्देशक रहे। बाद में उनहोंने बंगलौर में अपने खुद के कला विद्यालय की स्थापना की, जिसे आचार्य चित्रकला भवन का नाम दिया जिससे कि पेंटिंग में पत्राचार के माध्यम से सबक और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता था।[1]

ग्रन्थसूची संपादित करें

  • Chandamama Art Book, आचार्य और अन्य चंदामामा कलाकारों की कलाकृतियों का एक संकल

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Ramakrishna, G.; N. Gayathri, Debiprasad Chattopadhyaya (eds.) (1983). An encyclopaedia of South Indian culture. K.P. Bagchi. |title= में बाहरी कड़ी (मदद)सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ: authors list (link)

बाहिरी कड़ियाँ संपादित करें

चंदामामा की पूर्व कहानियों का संकलन