एल्गिन होटल, दार्जिलिंग

एल्गिन होटल,दार्जिलिंग जो पूर्व में द न्यू एल्गिन[1] के रूप में जाना जाता था, यह वर्ष 1887 के आसपास बनाया गया था और यह मूल रूप से कूच बिहार के महाराजा (राजा) क ग्रीष्मकालीन निवास था। यह दार्जिलिंग में स्थित एक हेरिटेज होटल हैं और हिमालय में स्थित एक पहाड़ी अवकाश केंद्र है।

विषय वस्तु

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  1. इतिहास
  2. सुविधाएँ
  3. भोजन
  4. पुरस्कार
  5. सन्दर्भ

1887 में एक बगीचे के चारों ओर निर्मित, इस होटल का बड़े पैमाने पर नवीनीकरण किया गया है, इसमे इसकी पुरानी भव्यता और इतिहास को बरकरार रखा गया है। रॉयल मैनर हाउस वास्तुकला शैली मे निर्मित इस होटेल को अपनी मूल स्थिति में बहाल कर दिया गया है जिसमे शामिल हैं- गौरे डगलस की एचिंग्स,[2] विलियम डैनियल की पाषाणलेखन, बर्मा की टीक फर्नीचर, ओक फर्श बोर्डों और पुरानी चिमनिया।

इस होटल ने कई गणमान्य व्यक्तियों के लिए मेजबान की भूमिका निभाई है, जिसमे अमेरिका के राजदूत, डोमिनिक लापीएररे, मार्क टुली, सिक्किम के क्राउन प्रिंस पालदेन थोंडुप नामग्याल इत्यादि शामिल हैं। इस होटल की एक समृद्ध विरासत हैं जिसमे कई कहानियाँ भी शामिल हैं। जो इसके पहले मालिक कूच बिहार के महाराजा के समय से नैन्सी ओकले तक की हैं जो 1950 के दशक में इस होटल की मलिकिन थी। [प्रशस्ति पत्र की जरूरत] एल्गिन होटल प्रसिद्ध दार्जिलिंग मॉल और राज भवन (गवर्नर्स हाउस) से पैदल दूरी पर है। यह एक अच्छी तरह से सहेज कर रखा हुआ पुस्तकालय, गेम्स रूम और बच्चों की गतिविधि केंद्र है।

यह होटल की समृद्ध व्यंजनों की अपनी विरासत है, जो इसकी परंपरा को और समृद्ध करते हैं। यहाँ के व्यंजनों में सम्मिलत हैं, सिक्कीमी खाना जैसे मोमो-टमाटर की चटनी के साथ साथ पकोड़े- जिसके अंदर चिकन, पोर्क या सब्जी भरा रहता है, गएको सूप-गर्म चिमनी सूप नूडल्स के साथ, अंडे, चिकन बॉल्स, काले मशरूम, मिश्रित सब्जियाँ, पत्तो वाला प्याज और धनिया, चुरपई शिमला मिर्च – याक के दूध से बना कॉटेज चीज़, मिठाई, शिमला मिर्च के साथ मीठी मिर्ची, पनीर, सिस्नु दाल, कालो दाल-हिमालय की काली दाल, सुखई तांबा- सुखी हुई बाँस की कोपले (जिससे स्थानीय हिंदी भाषा मे बाँसकरैल बोला जाता है), निंग्रो टमाटर, इस्कुस सूखी – चयोते, साग– सरसों का साग, चिकन या पोर्क के साथ, चिकन मुला- चिकन जो मूली की पातियों के साथ पकाया गया हैं, फिंग सब्जियों- ग्लास नूडल्स सब्जियों के साथ, गुंड्रूक- सूखा पालक के साथ, किन्मा-किण्वित सोयाबीन बीज। इन सभी खानो का साथ देने के लिए शामिल है: मूली का आचार एवं ड्रिंक्स जैसे तोंगबा- बाजरे के बीज से बना हुआ अलकोहलिक पेय,। महाद्वीपीय रात्रि भोजन जिसमे शेफर्ड पाई[3] और भुना हुआ चिकन सम्मिलित है।

विशेषताएं

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इस होटेल के कुल कमरों की संख्या 25 हैं। जो काफ़ी बेहतरीन तरीके से डिज़ाइन किए गये हैं। इनमे दार्जिलिंग की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का पता चलता हैं। इनमे रुकने वाले आँगंतुको की सुख सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाता है। यहाँ पर सूट्स की संख्या 3 हैं, जो बेहद आकर्षक ढंग से सुसज्जित हैं। यहाँ पर रेस्टोरेंट्स की संख्या 3 हैं, जिनका खाना बेहद लज़ीज़ होता हैं।[4]

पुरस्कार

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"2012 का उत्कृष्टता प्रमाणपत्र" [5]ट्रिप एडवाइजर द्वारा

  1. "हेरिटेज होटल्स इन वेस्ट बंगाल- इंडिया". हेरिटेजहोटल्स.कॉम. मूल से 31 अगस्त 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २७ अगस्त २०१५.
  2. "गोरे डगलस,वन् ऑफ़ द रेनोनेड आर्टिस्ट्स ऑफ़ द हिल टाउन, दार्जिलिंग". द टेलीग्राफ. १ नवंबर २००६. मूल से 30 अगस्त 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २७ अगस्त २०१५.
  3. "अनजान दत्ता कमेंट्स ओन शेफर्ड'स पाई एंड रॉक्स्ट चिकन फ्रॉम द किचन ऑफ़ द एल्गिन होटल, दार्जिलिंग". द टेलीग्राफ. २४ जून २०१२. मूल से 29 अगस्त 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २७ अगस्त २०१५.
  4. "एल्गिन होटल,दार्जिलिंग विशेषताएं". क्लिरट्रिप.कॉम. मूल से 31 अगस्त 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २७ अगस्त २०१५.
  5. "ट्रिपऑडवायझर सर्टिफिकेट ऑफ़ एक्सीलेंस २०१२". ट्रिपऑडवायझर.कॉम. मूल से 5 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २७ अगस्त २०१५.