ओसौनी (Wind winnowing) प्राचीन काल से प्रचलित एक कृषि कार्य है जिसके द्वारा भूसे से अनाज को अलग किया जाता है। ओसौनी के द्वारा भंदारित अनाज से कीड़ों आदि को भी दूर किया जाता है। इस क्रिया में भूसा एवं दानों का मिश्रण तेज हवा में धीरे-धीरे गिरने के लिये छोड़ दिया जाता है। इससे भारी अनाज आदि उसी स्थान पर नीचे गिरते हैं जबकि भूसा आदि हल्के पदार्थ दूर उड़ जाते हैं।

उत्तराखण्ड में धान ओसाती हुई एक स्त्री
चीन में सन् १६३४ में प्रचलित ओसाई मशीन

तेज हवा के लिये प्राकृतिक हवा (विंड) का सहारा लिया जा सकता है या कृत्रिम तरीकों (जैसे मशीन द्वारा चालित पंखी) से गतिशील हवा प्राप्त की जा सकती है। पहले दो व्यक्ति एक चादर को हवा में चलाते थे जिससे गतिशील हवा प्राप्त होती थी और उसी के सामने गेहूँ या अन्य अनाज को ओसाया (गिराया) जाता था।