कथा से आशय "वह जो कही जाय" अर्थात् 'बात' ।

न्याय में यथार्थ निश्चय या विपक्षी के पराजय के लिये जो बात कही जाय, उसे कथा कहते हैं । कथा के तीन भेद हैं - बाद, जल्प, वितण्डा ।

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