कलिंग पुरस्कार विज्ञान संचार के क्षेत्र में किसी बड़े योगदान के लिए दिया जाता है। ऐसा काम जो आम लोगों की समझ में विज्ञान को आसान कर सके, विज्ञान-संचार के अन्तर्गत आता है। विजेता को दस हजार स्टर्लिंग पाउंड और यूनेस्को का अलबर्ट आईनस्टीन रजत-पदक प्रदान किया जाता है। अब विजेता को रूचि राम साहनी चेयर भी प्रदान की जाती है जिसे भारत सरकार ने कलिंग पुरस्कार की पचासवीं जयंती पर संकल्पित किया है। यह पुरस्कार द्विवार्षिक है और विश्व विज्ञान दिवस पर १० नवम्बर को प्रदान किया जाता है।

उड़ीसा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ने एक युगद्रष्टा की भूमिका अपनाते हुए इस पुरस्कार के लिए यूनेस्को को मुक्त हस्त से १९५२ मे ही एक बड़ी धनराशि दान कर दी थी। वे भारत के कलिंग फाउण्डेशन ट्रस्ट के संस्थापक थे। इसी से यह पुरस्कार आरम्भ हुआ।

भारत से अभी तक इस सम्मान से सम्मानित लोगों की सूची निम्नवत है -

1963 - जगजीत सिंह

1991 - नरेंद्र के सहगल

'1996 - जयंत नार्लीकर

1997 - डी बाला सुब्रमन्यियन

2009 - प्रोफेसर यशपाल Yashpal 2009

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