चंपारण मीट जिसे आहुना, हांडी मीट या बटलोई के नाम से भी जाना जाता है। इस व्यंजन की शुरुआत बिहार के एक जिले चंपारण से हुई। इसको बनाने के लिए सबसे पहले मटन को घी सरसों का तेल प्याज, लहसुन, अदरक और मसालों के मिश्रण के पेस्ट के साथ मिलाया जाता है। इसके बाद हांडी (मिट्टी के बर्तन) के मुंह को गूंथे हुए आटे से बंद कर दिया जाता है। इसे आग की धीमी आंच पर धीरे-धीरे पकाया जाता है और पकाने के दौरान लगातार हिलाया डुलाया जाता है। स्वाद और खाना पकाने का समय मांस की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।[1][2][3][4][5]

चंपारण मीट
उद्भव
वैकल्पिक नाम अहुना, हांड़ी मीट, बटलोई
संबंधित देश भारत
देश का क्षेत्र चंपारण, बिहार
व्यंजन का ब्यौरा
परोसने का तापमान गर्म
मुख्य सामग्री मटन, प्याज़, लहसुन, अदरख, घी, सरसों का तेल, दही
अन्य प्रकार अनेक

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "मटकी वाले मटन में क्या है ख़ास?". बीबीसी हिन्दी. 18 मई 2017.
  2. कुमार, नीरज (27 जून 2018). "अहुना मटन, मटन हांडी या चंपारण मांस बिहार के सर्वश्रेष्ठ व्यंजनों में से एक है।". BiharStory. मूल से 11 जनवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2020.
  3. "हर तरफ छाया 'चंपारण मीट हाउस' का देसी ब्रांड". प्रभात खबर. 8 अप्रैल 2017. मूल से 11 जनवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2020.
  4. विश्नोई, खुशबू (27 अक्टूबर 2018). "Street Food ज़ायकाः आफताब और राजेश हज़ारों साल पुराने तरीके से मिट्टी के बर्तन में पकाते हैं 'अहुना मटन'". न्यूज़ 18. मूल से 11 जनवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2020.
  5. शुभम, गुप्ता (8 जून 2019). "टेस्ट ऑफ चम्पारण :- " अहूना मीट(Ahuna meat) "". BiharStory. मूल से 11 जनवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 मार्च 2020.