English: Kerala's traditional art form Seethankan Thullal performed at Thripunithura Sri Poornathrayeesa temple by Sri. Ranjith Thripunithura 26th Nov 2011, as part of the annual temple festival.
बाँट सकते हैं – रचना की प्रतिलिपि बना सकते हैं, बाँँट सकते हैं और संचारित कर सकते हैं
रीमिक्स कर सकते हैं – कार्य को अनुकूलित कर सकते हैं
निम्नलिखित शर्तों के अंतर्गत:
श्रेय – यह अनिवार्य है कि आप यथोचित श्रेय प्रदान करें, लाइसेंस की कड़ी प्रदान करें, और अगर कोई बदलाव हुए हों तो उन्हें इंगित करें। आप ऐसा किसी भी उचित तरीके से कर सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह उससे यह नहीं संकेत नहीं किया जाना चाहिए कि लाइसेंसधारी द्वारा आपको अथवा आपके इस प्रयोग का समर्थन किया जा रहा हो।
समानसांझा – अगर आप इस रचना में कोई बदलाव करते हैं या इसपर आधारित कुछ रचित करते हैं तो आप अपने योगदान को सिर्फ इसी या इसके सामान किसी लाइसेंस के अंतर्गत बाँट सकते हैं।