तकथोक मठ
लद्दाख,भारत में बौद्ध मठ
तकथोक मठ (Takthok Monastery) या थगथोग मठ (Thag Thog) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र के लेह ज़िले की लेह तहसील के सक्ती गाँव में स्थित एक तिब्बती बौद्ध मठ है। यह लेह से ४६ किमी पूर्व में है। इसके नाम का अर्थ "पत्थर की छत" है क्योंकि इसकी दीवारें और छत दोनों पत्थर के बने हैं। यह लद्दाख़ का इकलौता न्यिंगमा सम्प्रदाय का मठ है। यहाँ ५५ लामा रहते हैं।[1]
तकथोक मठ | |
---|---|
निर्देशांक | 34°0′19″N 77°49′13″E / 34.00528°N 77.82028°E |
मठ सूचना | |
स्थान | सक्ती, लद्दाख़, जम्मू और कश्मीर, भारत |
संस्थापक | त्शेवंग नामग्याल |
स्थापना | मध्य 16वीं शताब्दी |
मरम्म्त तिथि | 1980 - नया मंदिर जोड़ा गया |
प्रकार | तिब्बती बौद्ध |
सम्प्रदाय | न्यिंगमा |
समर्पित | पद्मसम्भव |
उपासकों की संख्या | 55 |
त्योहार | पवित्र नृत्य - छठे मास के 9वे - 10वे दिन |
चित्रदीर्घा संपादित करें
-
तकथोक के पर्वत का दृश्य
-
गुरु रिम्पोचे (पद्मसम्भव) की गुफा का द्वार
-
तकथोक का द्वार
-
तकथोक में प्राचीन चित्रकला
इन्हें भी देखें संपादित करें
सन्दर्भ संपादित करें
- ↑ "Takthok Monastery". Buddhist-temples.com. मूल से 19 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि October 7, 2009.