अधिकांश तमिल व्याकरण, तोल्काप्पियम् नामक प्राचीन व्याकरण ग्रन्थ में वर्णित है। आधुनिक तमिल साहित्य १३वीं शताब्दी में रचित नन्नूल नामक व्याकरण ग्रन्थ पर आधारित है। इस ग्रन्थ में पुराने ग्रन्थ (तोल्काप्पियम) के नियमों की व्याख्या की तथा कुछ को बदल भी दिया।