हिंदू पञ्चाङ्ग की तीसरी तिथि को तृतीयातीज कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। एक पूर्णिमा होने पर और दूसरी अमावस्या होने पर। पूर्णिमा से अगे आने वाली तृतीया को कृष्ण पक्ष की तृतीया और अमावस्या से आगे आने वाली तृतीया को शुक्ल पक्ष की तृतीया कहते हैं।

त्यौहार संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें