धोबी भारत में पाये जाने वाले जाति समूह हैं जिनका मुख्य कार्य कपड़े धोने, रंगने, इस्त्री करने से संबंधित माना जाता है। इन्हें भारत के अलग-अलग राज्यों में इन्हें अलग-अलग नामों जैसे- कनौजिया,राव,मुकेरिया, वन्नर मांदीवाला, अगसार, पारित, श्रीवास, दिवाकर, रजक, चकली, सिन्हा, राजाकुला, वेलुत्दार, एकली, सेठी, चौधरी, माथुर, मरेठिए या, पणिक्कर आदि अन्य कई नामों से जाना जाता है।[उद्धरण चाहिए] हिन्दू धोबी को (रजक ) नाम से जाना जाता है। धोबी शब्द की व्युत्पत्ति धावन या धोने से मानी जाती है। रजक (धोबी) रीषि कश्यप के वंशज है जिन्हे कपडे धोने का कार्य करने को सोपा ग्या था और यही कारण है की धोबी (रजक) का गोत्र कश्यप है। जो मुल रूप से सूर्यवंशी है। अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति में उन्हें सम्मिलित किया गया है। २०११ की भारतीय जनगणना आँकड़ों के अनुसार धोबी जाति की कुल जनसंख्या 15000000 होने का अनुमान है।[1][बेहतर स्रोत वांछित]रोहित साव27  ???

कपड़े इस्त्री करते हुये धोबी व्यक्ति

25.उत्तर प्रदेश की अनुसूचित समाज कल्याण मंत्री श्री मती गुलाबो देवी जी है

जनसांख्यिकी संपादित करें

आन्ध्र प्रदेश संपादित करें

आंध्र प्रदेश में, रजक पिछड़ा वर्ग की कुल आबादी का 12% है।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Tamil Nadu Date Highlights: The Scheduled Castes Census of India 2001 (pdf)" (PDF). मूल से 22 नवंबर 2017 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 1 नवंबर 2013.