नीहार महादेवी वर्मा का पहला कविता-संग्रह है। इसका प्रथम संस्करण सन् १९३० ई० में गाँधी हिन्दी पुस्तक भण्डार, प्रयाग द्वारा प्रकाशित हुआ। इसकी भूमिका अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' ने लिखी थी। इस संग्रह में महादेवी वर्मा की १९२३ ई० से लेकर १९२९ ई० तक के बीच लिखी कुल ४७ कविताएँ संग्रहीत हैं।[1]

नीहार  
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मुखपृष्ठ
लेखक महादेवी वर्मा
देश भारत
भाषा हिंदी
विषय साहित्य
प्रकाशन तिथि १९३०

नीहार की विषयवस्तु के सम्बंध में स्वयं महादेवी वर्मा का कथन उल्लेखनीय है- "नीहार के रचना काल में मेरी अनुभूतियों में वैसी ही कौतूहल मिश्रित वेदना उमड़ आती थी, जैसे बालक के मन में दूर दिखायी देने वाली अप्राप्य सुनहली उषा और स्पर्श से दूर सजल मेघ के प्रथम दर्शन से उत्पन्न हो जाती है।" इन गीतों में कौतूहल मिश्रित वेदना की अभिव्यक्ति है।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. हिन्दी साहित्य कोश, भाग-२. वाराणसी: ज्ञानमण्डल लिमिटेड. १९८६. पृ॰ ३०८.

2. निहार के बारे में महादेवी वर्मा का जीवन परिचय Archived 2023-01-26 at the वेबैक मशीन में काफी सरलता से बताया गया है