नेपाल में हिन्दी देश के अधिकांश क्षेत्र में स्थानीय नेपाली भाषा की तरह बोली जाती है और बहुसंख्य लोग हिन्दी बोल या समझ सकते है। यही कारण है कि भारत से नेपाल जा रहे लोगों को बोल-चाल में अधिक समस्या नहीं होती है।[1]

आँकड़े संपादित करें

नेपाल की लगभग 49% जनसंख्या नेपाली का अपनी मातृभाषा के रूप में प्रयोग करती है जबकि 0.47% लोग हिन्दी को अपनी मातृभाषा मानते हैं। परन्तु अधिकांश लोग हिन्दी भाषा को बोल और समझ सकते हैं। इसका एक मुख्य कारण भारतीय टेलिविज़न और सिनेमा की नेपाल में लोकप्रियता है।[2]

नेपाल में हिन्दी में शपथ-ग्रहण संपादित करें

नेपाल के पूर्व उप-राष्ट्रपति परमानन्द झा ने जुलाई 2008 में अपने पद का शपथ-ग्रहण हिन्दी में लिया था। इसके कारण नेपाल की सड़कों पर पाँच दिनों तक विरोध प्रदर्शन हुए थे और उनके पुतले जलाए गए थे। नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने 2009 में फ़ैसला सुनाया कि हिन्दी में शपथ अवैध है। अन्ततः: परमानन्द झा ने नेपाली और अपनी मातृभाषा मैथिली में 7 फ़रवरी 2010 को शपथ लेकर इस विवाद को समाप्त किया।[2]

हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की माँग संपादित करें

परमानन्द झा ने ही जनवरी 2015 में माँग की कि हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की छः आधिकारिक भाषाओं में से एक भाषा का दर्जा मिलना चाहिए।[3]

नेपाली और हिन्दी भाषाओं की समानताएँ/ असमानताएँ संपादित करें

आम तौर से समझा जाता है कि नेपाली और हिन्दी भाषाएँ समान हैं, परन्तु ऐसा नहीं है। इन भाषाओं में केवल देवनागरी लिपि की समानता है। उदाहरण के लिए यह साधारण बातचीत के वाक्य देखे जा सकते हैं:[4]

नेपाली हिन्दी
तपाईंलाई कस्तो छ? आप कैसे हैं?
तपाईंको नाम के हो? आपका नाम क्या है?
मैले बुझिन मैं समझती नहीं हूँ
सन्चै छ मैं ठीक हूँ


हिन्दी का समर्थन संपादित करें

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और साहित्यकार लोकेन्द्र बहादुर चन्द ने कहा कि नेपाल में हिन्दी भाषा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। नेपाल में हिन्दी काफी समय से प्रचलित है। हिन्दी और नेपाली दोनों भाषाओं को समान रूप से प्रोत्साहित करने की जरूरत है।[5]

इन्हें भी देखें संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 5 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 फ़रवरी 2016.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 18 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 फ़रवरी 2016.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 फ़रवरी 2016.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 फ़रवरी 2016.
  5. "हिंदी का इस्तेमाल बढ़ाने को वेब टूल लाई सरकार". दैनिक जागरण. 10 जनवरी 2016. मूल से 16 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 फरवरी 2016.