आयरिश के पीछे एक छेद होता है जिसे पुतली या नेत्र का तारा कहा जाता है। यह आंख पर प्रकाश पड़ने पर संवेदन को दर्शाती है। अन्धकार में यह आंख के लेंस को स्वत: बड़ा कर देती है और अधिक प्रकाश में यह लेंस को सिकोड़ने का कार्य करती है।