पोलैंड का इतिहास इसकी भूमि पर स्लाव जाति के आगमन से शुरू होता है। ये छठी-सातवीं शताब्दी में आये यहाँ स्थायी निवास बनाया और इसका विकास किया। पिआस्ट वंश (Piast dynasty) के समय में सन् 966 में यहाँ ईसाई धर्म फैला।

  • पिआस्ट वंश 966 - 1370
  • जगिलोनिआई वंश (The Jagiellonian Dynasty) 1382-1572
  • शाही गणतंत्र (The Royal Republic) 1572-1795

  • १२४१ : मंगोल सेना ने पोलैंड पर आक्रमण किया और इसे रौंद डाला।
  • १३६४ : क्रेको अकादमी की स्थापना; बाद में इसी विश्वविद्यालय में निकोलस कोपरनिकस ने शिक्षा पायी।
  • १३८८ : पोलैंड की रानी ने लिथुआनिया के राजा से विवाह किया और इस प्रकार पोलैण्ड और लिथुआनिया एक हो गये। इस प्रकार पोलैंड यूरोप के सबसे बड़े देशों की श्रेणी में सम्मलित हो गया जिसका विस्तार बाल्टिक सागर से काला सागर तक हो गया।
  • १४९३ : पोलैंड में द्विसदनीय संसद की पहली बैठक हुई। इसके बाद राजा, प्रजा की सहमति से शासन करने लगा।
  • १५०६ : सिगिस्मुंड प्रथम राजा बना। पोलैंड का स्वरण युग का अरम्भ।
  • १७७२ : पोलैंड का पहला विभाजन ; रूस, प्रुसिया और आस्ट्रिया ने पोलैंड का बहुत सारा भाग अपने-अपने अधीन कर लिया।
  • १७९१ : (३ मई) पोलैंड का लिखित संविधान लागू। यह यूरोप में प्रथम और अमेरिका के बाद विश्व का दूसरा संविधान था।
  • १७९३ : पोलैंड का द्वितीय विभाजन; पोलैंड में लिखित संविधान लागू होने से रूस का राजा तिलमिला गया और उसने पोलैंड पर आक्रमण करके संविधान के निलम्बन के लिये वाध्य कर दिया।
  • १७९५ : रूस का तृतीय विभाजन ; इसके बाद अगले १२३ वर्षों तक पोलैंड का अस्तित्व समाप्त रहा।
  • १९१८ : प्रथम विश्वयुद्ध के बाद पोलैंड को स्वतंत्रता मिली।
  • १९२० : बोल्सेविकों की सेना ने पूरे यूरोप को जीतने की इच्छा से पोलैंड पर आक्रमण किया। किन्तु पराजित हो गयी।
  • १९३९ : हिटलर ने १ सितम्बर को पश्चिम से पोलैंड पर आक्रमण कर दिया। द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू।
  • १९४५ : पोलैंड सोवियत प्रभाव क्षेत्र के रूप में घोषित ; कम्युनिस्ट शासन का आरम्भ
  • १९८९ : कम्युनिस्ट शासन की समाप्ति
  • १९९७ : देशव्यापी जनमत संग्रह के बाद नया संविधान लागू
  • १९९९ : पोलैंड नैटो गुट में शामिल

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

चलचित्र (आनलाइन)
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