फूल और अंगार

1993 की अशोक गायकवाड़ की फ़िल्म

फूल और अंगार 1993 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन फ़िल्म है। इसमें मिथुन चक्रवर्ती, शांतिप्रिया और प्रेम चोपड़ा सहित कई कलाकार शामिल हैं।

फूल और अंगार

फूल और अंगार का पोस्टर
निर्देशक अशोक गायकवाड़
निर्माता सलीम अख्तर
अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती,
शांतिप्रिया,
प्रेम चोपड़ा,
गुलशन ग्रोवर
संगीतकार अनु मलिक
प्रदर्शन तिथियाँ
2 अगस्त, 1993
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

विजय सक्सेना (मिथुन चक्रवर्ती) अपनी कॉलेज जाने वाली बहन स्वीटी के साथ भारत के एक छोटे से शहर में मध्यमवर्गीय जीवन शैली के साथ रहता है। उसे सिटी कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में नौकरी मिलती है, जहाँ उसकी मुलाकात स्वीटी की सहेली सुधा वर्मा (शांतिप्रिया) से होती है और दोनों एक दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। जब एक छात्र, अधिकारी, सुधा से छेड़छाड़ करने का प्रयास करता है, तो विजय उसके बचाव में आता है। इसके बाद उसे ही अधिकारी से माफी माँगनी पड़ती है क्योंकि सुधा अपनी गवाही को वापस ले लेती है और विजय को छेड़छाड़ करने का दोषी ठहराती है। बाद में विजय को पता चलता है कि अधिकारी और कुछ गुंडों ने सुधा की छोटी बहन को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी थी, इसलिये उसने ऐसा किया था।

बाद में दोनों ने अपने प्रेम-सबंध को फिर से शुरू किया। इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह (मोहनीश बहल) की मदद से, विजय गैंगस्टर डॉन, नटवरलाल (प्रेम चोपड़ा) के बेटे, कालीचरण को गिरफ्तार कराने में सफल होता है। अर्जुन मारा जाता है। स्वीटी उसकी मौत की गवाह बन जाती है, और इंस्पेक्टर अरविन्द को हत्या के स्थान पर ले जाती है, लेकिन अर्जुन का मृत शरीर गायब होता है। इसके बाद स्वीटी का बलात्कार कर मार डाला जाता है। इंस्पेक्टर अरविन्द ने विजय को अपनी बहन से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया। मुकदमे के दौरान विजय दलील देता है कि वह इस जघन्य अपराध का दोषी नहीं है। सात साल की सजा काटने के बाद विजय अपना बदला लेने निकल पड़ता है।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी गीत ज़मीर काज़मी और दीपक चौधरी द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."आशिक पुकारो आवारा पुकारो"अभिजीत8:06
2."चोरी चोरी दिल तेरा"कुमार सानु, सुजाता गोस्वामी6:41
3."हम तेरी मोहब्बत में"कुमार सानु, साधना सरगम6:30
4."मुझको पीना है पीने दो"मोहम्मद अज़ीज़6:23
5."फूल ये अंगार बन गया"मोहम्मद अज़ीज़4:37

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें