बंधक ऋण या 'गिरवी कर्ज' (mortgage loan) उस ऋण को कहते हैं जो किसी वास्तविक संपत्ति (जैसे घर, भूमि, सोना आदि) को बंधक रखकर तथा एक बंधक विलेख (mortgage note) के द्वारा प्राप्त किया जाता है। सम्पत्ति का स्वामित्वाधिक ऋणदाता के नाम हस्तान्तरित करना पड़ता है, किन्तु कब्जा हस्तान्तरित नहीं करना पड़ता। ऋण चुकता हो जाने या देयता निपटान के बाद हस्तान्तरण शून्य हो जाता है।

बहुत कम लोगों के पास पर्याप्त धन (लिक्विड मनी) होता है कि वे सीधे, बिना ऋण लिए कोई सम्पत्ति खरीद सकें। कोई गृह-क्रेता या गृह-निर्माता किसी वित्तीय संस्थान (जैसे बैंक) से बंधक ऋण प्राप्त कर सकता है। बंधक ऋण चाहने वाला अपनी किसी सम्पत्ति को ऋण की अदायगी न होने तक ऋणदाता के अधिकार में दे देता है (बंधक-विलेख पर अपनी सहमति देकर)।

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