बनू मुस्तलिक

अरब जनजाति जो बनू खुज़ा का एक उप-कबीला है, वो आज़ादी कहतानी के वंशज हैं।

बनू मुस्तलिक या बनी मुस्तलिक (अंग्रेज़ी:Banu Mustaliq) एक अरब जनजाति जो बनू खुज़ा का एक उप-कबीला है, वो आज़ादी कहतानी के वंशज हैं। इसी क़बीले की जुवेरिया बिन्त अल-हारिस इस्लामिक पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पत्नी थीं। ग़ज़वा-ए-बनू मुस्तलिक एक अभियान इनसे संबंधित है।[1]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. सफिउर्रहमान मुबारकपुरी, पुस्तक अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ). "ग़ज़वा-ए-बनू मुस्तलिक या ग़ज़वा ए मुरैसिअ़". पृ॰ 651. अभिगमन तिथि 13 दिसम्बर 2022.

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