बिनोद बिहारी मुखर्जी (बांग्ला: বিনোদ বিহারী মুখার্জি) (1904 - 1980) का जन्म बेहला कोलकाता में हुआ। शांति निकेतन में कला शिक्षक थे। वे नंदलाल बोस के शिष्य थे। उनकी कला में समय समय पर शांति निकेतन में आने वाले चीनी और जापानी कलाकारों का प्रभाव देखा जा सकता है। 1937-38 के मध्य वे जापान गए जहाँ उन्होंने जापानी चित्रकार टोबा सोजो के साथ काम किया। जब वे सूरजमुखी का फूल चित्रित करते हैं या चौखानों को अपने चित्रों से स्थान देतै हैं तब उनकी कला को पिकासो से प्रभावित भी कहा जाता है। 1948 में वे नेपाल के नेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ काठमांडू के निदेशक भी हुए। बाद के दिनों में उन्होंने दून घाटी में एक कला विद्यालय भी खोला पर वह ज्यादा दिन नहीं चला। 1972 में सत्यजित राय ने उनके ऊपर द इनर आई नामक वृत्तचित्र का निर्माण किया। वे शान्तिनिकेतन में सत्यजित राय के कला गुरु भी थे। बिनोद बिहारी मुखर्जी की बेटी मृणालिनी भी चित्रकार हैं।