बोरी बंदर

भारत के महाराष्ट्र के दक्षिण मुंबई का एक क्षेत्र

निर्देशांक: 18°56′24″N 72°50′07″E / 18.9400°N 72.8353°E / 18.9400; 72.8353 बोरी बंदर, भारत में मुंबई, की पूर्वी तट रेखा से सटा एक क्षेत्र है, जिसका प्रयोग मुंबई से आयात और निर्यात होने वाले माल के एक गोदाम के तौर पर होता था। बोरी बंदर असल में हिन्दी शब्द बोरी भंडार का ही बिगड़ा रूप है। अंग्रेजों द्वारा भंडार शब्द का उच्चारण बंडार होता था जो धीरे धीरे बंदर बन गया। कुछ लोग बंदर शब्द को बंदरगाह से भी जोड़ते हैं। कुछ भी कहें यहां पर माल को बोरों में भर कर भंडारित किया जाता था। 1850 के दशक में, ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे ने इस क्षेत्र में एक रेलवे टर्मिनस बनाया और स्टेशन का नाम बोरी बंदर रखा गया[1] जिसे बाद में बदलकर विक्टोरिया टर्मिनस और आजकल यह महाराष्ट्र के 17 वीं शताब्दी के राजा शिवाजी के नाम पर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (CSTM) के नाम से जाना जाता है।


16 अप्रैल 1853 को ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे ने भारतीय रेल की औपचारिक शुरुआत बोरी बंदर से ठाणे के बीच भारत की पहली यात्री रेलगाडी को चला कर की थी, जिसने इन दोनो स्टेशनों के बीच 34 किलोमीटर की दूरी तय की थी।


सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Rail museum in Lonavala mooted". डेली न्यूज़ एण्ड एनालिसिस. 27 सितंबर 2008. अभिगमन तिथि 1 मई 2011.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें