भाई मतिदास सिख इतिहास के सर्वश्रेष्ठ शहीदों में गिने जाते हैं। वह वैश्य जाति के थे। भाई मतिदास तथा उनके छोटे भाई भाई सती दास और भाई दयाला जी नौवें गुरु गुरु तेगबहादुर जी के साथ शहीद हुए थे। उनको औरंगजेब के आदेश से दिल्ली के चांदनी चौक में 09 नवम्बर 1675 को आरे से चीर दिया गया था। उन्हें मृत्यु स्वीकार थी, परंतु इस्लाम नहीं। भाई मतिदास गुरु तेगबहादुर जी के बेहद करीबी थे। ‘भाई’ का सम्मान स्वयं गुरु गोबिंद सिंह जी ने इन शहिदों और पंज प्यारे प्यारों को दिया था।

भाई मतिदास का बलिदान - यह चित्र मोहाली-सरहिन्द मार्ग पर स्थित 'सिख इतिहास संग्रहालय' से लिया गया है।

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