किसी व्यक्ति, सांस्कृतिक समूह, सरकार या किसी राजनैतिक समूह आदि द्वारा किसी भाषा के पतन की दिशा को उलटकर उसका प्रचार-प्रसार करने की कोशिश को भाषा पुनर्जीवन (Language revitalization, language revival, reversing language shift या revivalistics[1]) कहते हैं। भाषा के पुनर्जीवन के लक्ष्य भिन्न भिन्न हो सकते हैं जो उस भाषा को बोलने वाले समुदाय एवं भाषा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। उदाहरण के लिये लुप्त होने के कगार पर स्थित किसी भाषा को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य अलग होगा और किसी विकसित किन्तु धीरे-धीरे पतनशील किसी भाषा को पुनर्जीवित करने के लक्ष्य अलग-अलग होने स्वाभाविक हैं।

हिब्रू सहित कई अन्य भाषाओं को पुनर्जीवित करने का उदाहरण आधुनिक विश्व के सामने है।

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