भिक्षा (संस्कृत: भिक्षा ; पालि में - भिक्खा) का अर्थ है घर-घर जाकर अन्न, या अन्य कोई वस्तु मांगना। भारतीय धर्मों (हिन्दू, जैन, बौद्ध) में भिक्षा मांगना अति प्राचीन काल से प्रचलित है। [1] गुरुकुलों में शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अन्य कार्यॉम के अलावा भिक्षा भी मांगते थे। रावण ने सीता से भिक्षा मांगने के बहाने ही उनका हरण कर लिया था।

यह भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें