महाविदेह क्षेत्र का उल्लेख जैन ग्रंथो मे हुआ है। जैन मान्यतानुसार महाविदेह क्षेत्र में आज भी विहरमान तीर्थंकर विराजमान है। जिन को अरिहन्त कहा जाता है। महाविदेह क्षेत्र (ये दुनिया हमारी पृथ्वी से अलग हैं।) में २० विहरमान तीर्थंकर एक समय में एक साथ विराजते है। महाविदेह क्षेत्र के वर्तमान के प्रथम तीर्थंकर श्री सीमंधर स्वामी जी है। महाविदेह क्षेत्र एक अलग जैन पौराणिक लोक है।(देखें जैन ब्रह्माण्ड विज्ञान)

महाविदेह क्षेत्र का भूगोल संपादित करें

महाविदेह क्षेत्र में कुल ३२ देश है।

सन्दर्भ संपादित करें