मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह आर० या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप R0 एक मातृवंश समूह है। इसे पहले मातृवंश समूह एचवी-पूर्व या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप pre-HV के नाम से जाना जाता था। मातृवंश समूह एचवी इसी से उत्पन्न हुई एक बड़ी उपशाखा है। मातृवंश समूह आर० अरबी प्रायद्वीप पर बहुत देखा जाता है, जहाँ के यमन राष्ट्र के सुक़तरा द्वीप के ५०,००० निवासियों में से ३८% इसके वंशज हैं।[1] भारतीय उपमहाद्वीप में यह उत्तरी पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की कलश जनजाति के २३% लोगों में पाया गया है।[2] इसके अलावा इसके वंशज हलकी मात्रा में उत्तरी अफ़्रीका, अफ़्रीका के सींग, अनातोलिया, ईरान और इर्द-गिर्द के इलाक़ों में भी मिलते हैं।

उत्तरी पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की कलश जनजाति के अनुमानित २३% लोग मातृवंश समूह आर० के वंशज होते हैं

अनुमान है के जिस स्त्री से यह मातृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग २३,६०० से ५४,९०० वर्ष पहले एशिया की निवासी थी।[3] यह मातृवंश स्वयं मातृवंश समूह आर से उत्पन्न हुई एक शाखा है।

ध्यान दें के कभी-कभी मातृवंशों और पितृवंशों के नाम मिलते-जुलते होते हैं (जैसे की पितृवंश समूह आर और मातृवंश समूह आर), लेकिन यह केवल एक इत्तेफ़ाक ही है - इनका आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है।

अन्य भाषाओँ में संपादित करें

अंग्रेज़ी में "वंश समूह" को "हैपलोग्रुप" (haplogroup), "पितृवंश समूह" को "वाए क्रोमोज़ोम हैपलोग्रुप" (Y-chromosome haplogroup) और "मातृवंश समूह" को "एम॰टी॰डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप" (mtDNA haplogroup) कहते हैं।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Viktor Cerny et al. 2008, Out of Arabia—The Settlement of Island Soqotra as Revealed by Mitochondrial and Y Chromosome Genetic Diversity. Archived 2011-08-07 at the वेबैक मशीन
  2. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  3. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर