संख्यात्मक विश्लेषण में मिथ्या स्थिति विधि (regula falsi या false position method) समीकरणों का मूल निकालने की एक संख्यात्मक विधि है। यह विधि छेदिका विधि तथा समद्विभाजन विधि (bisection method) का सम्मिलित रूप है।

मिथ्या स्थिति विधि से समीकरण के मूल निकालना

विधि संपादित करें

समद्विभाजन विधि की तरह ही यह विधि भी दो बिन्दुओं a0 and b0 को लेकर शुरू की जाती है जहाँ शर्त यह है कि f(a0) और f(b0) दोनों एक दूसरे के विपरीत चिह्न के होने चाहिये। इस शर्त के पालन होने से यह स्पष्ट है कि फलन f का कम से कम एक मूल अन्तराल [a0, b0] में स्थित है। इस विधि को लागू करने पर मूल को धारण करने वाला अन्तराल [ak, bk] क्रमशः छोटा होता जाता है और अन्ततः हमें मूल की प्राप्ति होती है।

इस विधि में, आवृत्ति संख्या (iteration number) k, पर निम्नलिखित संख्या निकाली जाती है।

 

अब यदि f(ak) तथा f(ck) समान चिह्न वाले हैं (दोनों धनात्मक या दोनों ऋणात्मक), तो ak+1 = ck कर देते हैं तथा bk+1 = bk कर देते हैं। किन्तु यदि f(ak) तथा f(ck) विपरीत चिह्न वाले हैं तो ak+1 = ak तथा bk+1 = ck कर देते हैं। यह प्रक्रिया तब तक दोहराते हैं जब तक कि निकाले गये मूल का मान पर्याप्त सीमा तक स्थिर न हो जाय।

इन्हें भी देखें संपादित करें