मुहम्मद मंसूर अली, (बंगाली: মোঃ মনসুর আলী; 1919 – नवंबर 3, 1975) एक बांग्लादेशी राजनेता व स्वतंत्रता सेनानी थे। वे शेख मुजीबुर्रहमान के करीब विश्वासपात्रों में शामिल थे, और 60-70 के दशकों के अवामी लीग के वरिष्ठ नेता थे। वे 25 जनवरी 1975 से 15 अगस्त 1975 तक बांग्लादेश के प्रधानमंत्री थे। 15 अगस्त 1975 को शेख मुजीब की हत्या कर, सैन्य तख्तापलट किया गया। 22 अगस्त को मंसूर को, अन्य अनेक राजनीतिज्ञों के साथ, जेल में बंद कर दिया गया, और 3 नवंबर 1975 की, जेल हत्या दिवस के नाम से कुख्यात, रात को उन्हें और उनके तीन साथियों समेत सेना द्वारा, बिना-मुकदमा, जेल में ही मार दिया गया।[1]

मोहम्मद मंसूर अली


कार्यकाल
25 जनवरी 1975 – 15 अगस्त 1975
राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान
पूर्व अधिकारी शेख मुजीबुर्रहमान
उत्तराधिकारी महीशुर रहमान (Acting)

जन्म 16 जनवरी 1917
कुरीपाड़ा, बंगाल प्रेसिडेंसी, ब्रिटिश भारत
मृत्यु 3 नवंबर 1975
राजनैतिक पार्टी बांग्लादेश कृशक श्रमिक अवामी लीग (बाकसाल) (1975)
अन्य राजनैतिक
सहबद्धताएं
अखिल भारतीय मुस्लिम लीग (1949 पूर्व)
बांग्लादेश अवामी लीग (1949–1975)
विद्या अर्जन मौलाना आजाद काॅलेज
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
धर्म इस्लाम

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Midnight Massacre In Dacca by Sukharanjan Dasgupta, 1978, ISBN 0-7069-0692-6

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

  • Miah, Sajahan (2012). "Ahmad, Tajuddin". प्रकाशित Islam, Sirajul; Jamal, Ahmed A. (संपा॰). Banglapedia: National Encyclopedia of Bangladesh (Second संस्करण). Asiatic Society of Bangladesh.