यौन शिक्षा

यौन शिक्षा बच्चो मैं विकार भी उत्पन्न कर सकती है,इसलिए बच्चो मैं उनके व्यक्तित्व के विकास के लिए

यौन शिक्षा (Sex education) मानव यौन शरीर रचना विज्ञान, लैंगिक जनन, मानव यौन गतिविधि, प्रजनन स्वास्थ्य, प्रजनन अधिकार, यौन संयम और गर्भनिरोध सहित विभिन्न मानव कामुकता से सम्बंधित विषयों सम्बंधित अनुदेशों को कहा जाता है। यौन शिक्षा का सबसे सरलतमा मार्ग माता-पिता अथवा संरक्षक होते हैं। इसके अलावा यह शिक्षा औपचारिक विद्यालयी कार्यकर्मों और सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों से भी दी जाती है।

सैलफोर्ड विश्वविद्यालय में गर्भनिरोध की शिक्षा देने वाला एक बोर्ड, इस तरह की शिक्षा यूके के विद्यालयों में खेल के माध्यम से दी जाती है।

पारम्परिक रूप से अधिकतर संस्कृतियों में युवाओं को यौन विषयों के बारे में इन सभी शिक्षा नहीं दी जाती और इसे वर्जित माना जाता है। ऐसी परम्पराओं में बच्चे के माता पिता बच्चे की शादी तक उसे नहीं देते थे। १९वीं सदी में प्रगतिशील शिक्षा आंदोलनों ने इस शिक्षा को सामाजिक स्वच्छता के परिचय के रूप में उत्तर अमेरिका के कुछ विद्यालयों में यौन शिक्षा का शिक्षण आरम्भ किया[1]

इतिहास संपादित करें

 
वीसवीं शताब्दी के आरम्भिक दिनों का एक पोस्टकार्ड में अनवांछित गर्भ की समस्या का चित्रण

यौन शिक्षा एक विस्तृत संकल्पना है जो मानव यौन अंगों, जनन, संभोग या रति क्रिया, यौनिक स्वास्थ्य, जनन-सम्बन्धी अधिकारों एवं यौन-आचरण सम्बन्धी शिक्षा से सम्बन्धित है। माता-पिता एवं अभिभावक, मित्र-मण्डली, विद्यालयी पाठ्यक्रम, सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता के कार्यक्रम आदि यौन शिक्षा के प्रमुख साधन हैं।

2005 में एडोलसेंट एजुकेशन प्रोग्राम भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी थी। अध्यापक, बच्चों के माता पिता व नीति निर्माताओं ने आपत्ति जताई। 2007 में यह प्रोग्राम प्रतिबंधित कर दी गयी थी। सिर्फ राजस्थान, गुजरात और केरल ने इसके बाद यौन शिक्षा की अलग संस्करण की स्थापना की।[2]

एलजीबीटी यौन शिक्षा संपादित करें

यौन शिक्षा के क्षेत्र का सबसे बड़ा विवाद समलैंगिकता की शिक्षा को विद्यालयी पाठ्यक्रम में जोड़ा जाये या नहीं।[3] समलैंगिकता में पुरुष-पुरुष, महिल-महिला जैसे समलिंगि और विषमलिंगी यौन शिक्षा की शिक्षा होती है। अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि अधिकतर विद्यालय आजतक ऐसी शिक्षा उपलब्ध नहीं करवाते।[4]

समलैंगिक शिक्षा के समर्थकों का तर्क होता है कि पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने से समलैंगिक छात्रों को इसके लिए आवश्यक स्वास्थ्य सूचना प्राप्त होगी।[5] शोधों से प्राप्त परिणामों के अनुसार समलैंगिक लोग आत्मसम्मान की कमी और अवसाद से ग्रस्थ होते हैं। लेकिन समलैंगिक यौन शिक्षा ऐसे लोगों का अवसाद मुक्त करने और आत्मसमान प्राप्त करनें सहायक होगी।[6] समर्थकों का यह भी कहना है कि इस शिक्षा से इसके विरोधियों को भी इसे समझाने में लाभदायक होगी।[6][7] इसके विरोधियों का तर्क होता है कि समलैंगिकता की शिक्षा कुछ धर्मों के अनुसार अनुचित है[3] और छात्रों को अनुचित विषयों की ओर आकर्षित करेगा।[4] उनके अनुसार समलैंगिकता की शिक्षा से बच्चे अपने माता-पिता की अपेक्षाओं के विरुद्ध जायेंगें और उनके राजनीतिक विचार भी अवरुद्ध होंगे।[8] वर्तमान में, विभिन्न विद्यालयी पाठ्यक्रमों में समलैंगिक विषय शामिल नहीं करते।[4][9]

सेक्स करने के फायदे संपादित करें

  • सबसे पहली बात सेक्स करने से कई तरह के न्यूरोट्रांसमीटर सक्रीय होते है|  ये दिमाग के साथ-साथ  शरीर के कई अंगो पर असर डालते है|
  • अच्छी नींद आती है|
  • तनाव कम होता है|
  • ब्लड प्रेसर का जोखिम कम हो जाता है|
  • पीरियड के दर्द से राहत मिलती है|
  • सेक्सुअल डिजायर बढती है|
  • दिल के लिए अच्छा होता है| Read More
यौन सम्बन्ध न बनाने के नुकसान संपादित करें
  • इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है|
  • महिलाओ के जननांग का स्वास्थ्य गिर सकता है, जिससे ब्लड फ्लो में दिक्कत आ सकती है|
  • बीपी का लेवल बढ़ सकता है जिससे हाइपर टेंशन की शिकायत बढ़ जाती है|
  • लम्बे समय से दूर रहने के कारन पीरियड में एंठन और दर्द बढ़ जाता है, मांसपेशियों में दर्द होने लगता है| Read More

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. "adolescence education program". मूल से 29 दिसंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2012.
  3. Janofsky, Michael. "Gay Rights Battlefields Spread to Public Schools". दि न्यू यॉर्क टाइम्स. मूल से 5 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11/02/13. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  4. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  5. Sanchez, Marisol. "Providing inclusive sex education in schools will address the health needs of LGBT Youth" (PDF) (अंग्रेज़ी में). Center for the Study of Women UCLA. मूल (PDF) से 6 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २८ जून २०१५.
  6. स्लेटर, हन्ना. "LGBT-Inclusive Sex Education Means Healthier Youth and Safer Schools". सेंटर फ़ॉर अमेरिकन प्रोग्रेस (अंग्रेज़ी में). मूल से 15 जुलाई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २८ जून २०१५.
  7. Goodman, Josh. "5 Reasons Schools Should Adopt LGBTQ-inclusive Sex Ed". The Huffington Post. मूल से 30 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11/02/2013. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  8. Villalva, Brittney. "Sex Education in Schools Should Include a Gay Agenda, Report Claims". The Christian Post (अंग्रेज़ी में). मूल से 1 जुलाई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २८ जून २०१५.
  9. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें