रत्नकीर्ति (११वीं शताब्दी), प्रमाणवाद और योगाचार से सम्बन्धित एक बौद्ध दार्शनिक थे। उन्होने विक्रमशिला में अध्ययन किया जहाँ ज्ञानश्रीमित्र उनके गुरु थे।

कृतियाँ संपादित करें

निम्नलिखित ग्रन्थ रत्नकीर्ति द्वारा रचित माने जाते हैं-

  • अपोहसिद्धि
  • ईश्वरसाधनदूषण
  • क्षणभङ्गसिद्धि (अन्वयात्मिका)
  • क्षणभङ्गसिद्धि (व्यतिरेकात्मिका)
  • चित्राद्वैतप्रकाशवाद
  • प्रमाणान्तरभावप्रकरण
  • व्याप्तिनिर्णय
  • सन्तानान्तरदूषण
  • सर्वज्ञानसिद्धि
  • स्थिरसिद्धिदूषण
  • उदयनीरकरनम्

ये सभी ग्रन्थ रत्नकीर्तिनिबन्धावली में संग्रहित है।

सन्दर्भ संपादित करें