रामप्रसाद सेन

अठारहवीं शताब्दी बंगाल के शक्ति कवि

साधक रामप्रसाद सेन ( 1718 ई या 1723 ई – 1775 ई) ) बंगाल के एक शाक्त कवि एवं सन्त थे। [1][2] उनकी भक्ति कविताएँ 'रामप्रसादी' कहलातीं हैं और आज भी बंगाल में अत्यन्त लोकप्रिय हैं। रामप्रसादी, बंगला भाषा मेम रचित है जिसमें देवी भगवती माता काली को सम्बोधित करके रची गयीं हैं। [3]

साधक रामप्रसाद
(रामप्रसाद सेन)
जन्म 1718 ई या 1723 ई
हालीशहर (कोलकाता के निकट)
मौत 1775 ई
हालीशहर
उपनाम साधक रामप्रसाद
प्रसिद्धि का कारण शाक्त काव्य

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