राहुल पंडिता श्रीनगर से भारतीय लेखक एवं पत्रकार हैं।[1][2][3]

राहुल पंडिता
जन्म 7 फ़रवरी 1976 (1976-02-07) (आयु 48)[1][2]
कश्मीर
राष्ट्रीयता भारतीय
पेशा ओपन संपादक
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

पृष्ठभूमि संपादित करें

राहुल पंडिता का जन्म कश्मीर में,[4] एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ। १९९० में कश्मीर घाटी में चरमपंथी हिंसक आंदोलन के कारण पंडिता परिवार को उनका गृहनगर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। वो पलायन से पहले के अपने कश्मीरी जीवन को "बहुत सुन्दर" बताते हैं।[5] वर्तमान में वो दिल्ली में निवास करते हैं।[4] राहुल पंडिता की किताब ऑवर मून हैज ब्लड क्लॉट्स ने शिकारा फिल्म के कई हिस्सों को प्रेरित किया है।[6]

किताब संपादित करें

  • ऑवर मून हैज ब्लड क्लॉट्स
  • बहावलपुर का शातिर प्रेमी[3][7]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "30 years of Pandit exodus: Living as a refugee in one's own country".
  2. "rahul pandita speaks".
  3. "पुलवामा हमले के कुछ पल पहले आतंकी डार के कांप रहे थे हाथ, कांपते हाथों से मानव बम ने साथी को थमाई थी अपनी प्यारी घड़ी".
  4. about me (मेरे बारे में) Archived 2013-12-30 at the वेबैक मशीन (अंग्रेज़ी में)
  5. "Rahul Pandita On Kashmir and its Stories" [राहुल पंडिता कश्मीर में और इसकी कहानियाँ], पीटर ग्रिफिन, फ़ोर्ब्स, २७ फ़रवरी २०१३, मूल से 16 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि २७ दिसम्बर २०१३
  6. Sharma, Devansh (2020-02-07). "Shikara movie review: Vidhu Vinod Chopra's account of Kashmiri Pandit exodus is strikingly poetic but seldom urgent- Entertainment News, Firstpost". Firstpost (अंग्रेज़ी में). मूल से 23 अप्रैल 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-02-07.
  7. "किताबवाला: पुलवामा हमले पर लिखी इस किताब के कवर पर उमर फ़ारुख़ की तस्वीर क्यों छापी गई?".