परिचय- लण्ठाधीश शब्द की उत्पत्ति लण्ठ शब्द से हुई है जिसको लण्ठई रूप में भी उत्तर प्रदेश तथा बिहार के ग्रामीण क्षेत्र की भाषा में प्रचलित पाया जाता है। इसका अर्थ होता है अपने में मस्त व्यक्ति यानि जिसपर किसी का नियन्त्रण न हो। एक ऐसा व्यक्ति जो किसी के आदेशानुसार न चलकर अपने निर्णय पर चलता हो। उसे जो ठीक लगता है वह उसी कार्य को पूरी तन्मयता से करता है चाहे इसके लिए उसको किसी का भी कितना भी विरोध झेलना पड़े।

स्थापना- लण्ठाधीश शब्द आजकल सोशल मीडिया पर बहुत ही प्रचलित नाम बन कर उभरा  है। फेसबुक से लेकर ट्विटर, इंस्टाग्राम पर आज ये बहुत तेजी से फैल रहा है। लण्ठाधीश सोशल मीडिया के उन यौद्धाओं को कहा जाता है जो 14 फरवरी 2019 को पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा पुलवामा में भारतीय सेना पर हुए हमले के बाद बलिदान हुए वीर सैनिकों का बदला लेने के लिए निकलकर सामने आए थे। ये लोग किसी संगठन या पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता न होकर आम नागरिक हैं। जो उस आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर जब आतताइयों की हरकतों ने अपना मुख विकराल करना शुरू किया तो राष्टवादी युवाओं का क्रोध प्रज्वलित हो गया ऐसे सभी युवाओं को पण्डित आकाश ने संगठित किया और सही दिशा में मुख्य रूप से सक्रिय किया। इन्ही राष्ट्रवादी युवाओं को लण्ठाधीश नाम से जाना जाता है।

कार्य- लंठाधीशों ने पुलवामा हमले के समय सोशल मीडिया पर आक्रोशित आमजन की शक्ति बनकर उभरे थे और इन्होंने उस समय जो भी लोग सोशल मीडिया पर उस हमले पर खुशी दिखा रहे थे उनको जनता के सामने लाये व रिपोर्ट करके उनके अकाउंट्स को बन्द करवाया तथा उनके निवास स्थान का पता लगाकर वँहा की पुलिस को ऐसे देशद्रोहियों की जानकारी उपलब्ध करवाई। इसके साथ उन्होंने पाकिस्तान के भारत विरोधी सोशल मीडिया पेज तथा अकाउंट्स को भी बन्द करवाया। साथ ही साथ हैकरों का एक समूह बनाकर पाकिस्तान की बहुत सी साइट्स को हैक करके वँहा वन्देमातरम लिखा। एक तरह से लण्ठाधीशों ने पाकिस्तान को इस तरह परेशान कर दिया कि वँहा की सरकार को बयान देना पड़ा कि सोशल मीडिया तथा उनकी सरकारी साइट्स पर भारतीय हैकर्स हमला कर रहे हैं।  तथा दूसरी तरफ भारत में बैठे देशद्रोही और पाकिस्तान प्रेम हजारो लोगों को पकड़वाने में लण्ठाधीश की मुख्य भूमिका रही थी।

उस घटना में राष्ट्रवाद की शक्ति बनकर लण्ठाधीशों ने जो कार्य किया है वो कार्य आगे भी अनवरत सुचारू रूप से चल रहे हैं जब भी कोई सोशल मीडिया पर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को नोटिस किया जाता है लण्ठाधीश तुरन्त उसके निवारण के लिए उपलब्ध हो जाते हैं। इसके साथ ही जब भी कँही किसी गरीब, असहाय के साथ अन्याय होता है लण्ठाधीश उनकी आवाज बनकर सामने आते है। कँही किसी को अकस्मात कोई बीमारी घेर लेती है या दुर्घटना होती है और उपचार के लिए पैसे की कमी आ जाती है तो लण्ठाधीश सोशल मीडिया पर मुहिम चलाकर उसके लिए धनराशि उपलब्ध करवाते हैं। रक्त की आवश्यकता होने पर ये उसकी व्यवस्था करवाते हैं तथा कोई गरीब बच्चा अगर पैसे के अभाव में आगे की पढ़ाई नहीं कर सकता तो उसकी सहायता के लिए भी लण्ठाधीश सोशल मीडिया के माध्यम से आवाज उठाते हैं। अगर भारत में कँही दंगे होते हैं तो दंगा पीड़ितों की सहायता के लिए भी ये अभियान चलाते हैं।

ऐसे अनेकों राष्ट्रहित के कार्यों के कारण भारत की सोशल मीडिया पर लण्ठाधीशों को बहुत ही सम्मान दिया जाता है।