लाम्डा वलोरम, जिसका बायर नाम भी यही (λ Velorum या λ Vel) है, पाल तारामंडल का एक तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ६३वाँ सब से रोशन तारा है। पृथ्वी से देखी गई इसकी चमक (सापेक्ष कान्तिमान) +२.२३ मैग्नीट्यूड है और यह पृथ्वी से लगभग ५७० प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। यह एक K श्रेणी का चमकीला दानव या महादानव तारा है। लाम्डा वलोरम एक परिवर्ती तारा भी है जिसकी चमक समय के साथ-साथ +२.१४ से +२.३० मैग्नीट्यूड के बीच चढ़ती-उतरती रहती है।

पाल तारामंडल की एक तस्वीर जिसमें लाम्डा वलोरम "λ" के चिह्न वाला तारा है

अन्य भाषाओँ में संपादित करें

लाम्डा वलोरम तारे को कभी-कभी सुहैल (Suhail) भी कहते है, लेकिन यही नाम गामा वलोरम तारे के लिए भी प्रयोग होता है जिस से असमंजस बन सकता है। यह अरबी भाषा के "अल-सुहैल अल-वज़न" (السهيل الوزن‎) से लिया गया है, जिसका मतलब "वज़न वाला तेजस्वी (तारा)" है।

विवरण संपादित करें

लाम्डा वलोरम एक K4.5 Ib-II श्रेणी का तारा है।[1] इसका द्रव्यमान हमारे सूरज के द्रव्यमान का ९ गुना और व्यास हमारे सूरज के व्यास का २०० गुना है। इसकी निहित चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) सूरज की लगभग १०,००० गुना है। इसका सतही तापमान ४,००० कैल्विन है। इस तारे की आयु केवल २.७ करोड़ साल अनुमानित की गई है (तुलना के लिए हमारे सूरज की उम्र ४.५७ अरब साल है)। महादानव तारे अपना नाभिकीय संलयन (न्यूक्लियर फ्यूज़न) बहुत तेज़ी से चलते हैं जिस से यह कम उम्र के ही मिलते हैं।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. P.D. Bennett, G.M. Harper. "Semi-Empirical Wind Models for lambda Velorum (K4 Ib-II)". Computational Astrophysics; 12th Kingston Meeting on Theoretical Astrophysics; proceedings of meeting held in Halifax; Nova Scotia, Canada; ASP Conference Series Vol. 123, 1997.