लालकृष्ण आडवाणी

भारतीय राजनीतिज्ञ

लालकृष्ण आडवाणी, (जन्म: 8 नवम्बर 1927) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। भारतीय जनता पार्टी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में उनका योगदान सर्वोपरि कहा जा सकता है। वे कई बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। जनवरी 2008 में राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन ने लोकसभा चुनावों को आडवाणी के नेतृत्व में लड़ने तथा जीत होने पर उन्हें प्रधानमन्त्री बनाने की घोषणा की थी। हाल ही में भारत सरकार ने भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की घोषणा की है।

लालकृष्ण आडवाणी

कार्यकाल
2002 - 2004
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
पूर्वा धिकारी देवीलाल

कार्यकाल
1998 - 2004
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
उत्तरा धिकारी शिवराज पाटिल

जन्म 8 नवम्बर 1927 (1927-11-08) (आयु 96)
करांची, ब्रिटिश भारत, (वर्तमान पाकिस्तान में)
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
जीवन संगी कमला आडवाणी
धर्म हिन्दू धर्म

भारतीय जनता पार्टी के जिन नामों को पूरी पार्टी को खड़ा करने और उसे राष्ट्रीय स्तर तक लाने का श्रेय जाता है उसमें सबसे आगे की पंक्ति का नाम है लालकृष्ण आडवाणी। लालकृष्ण आडवाणी कभी पार्टी के कर्णधार कहे गए, कभी लौह पुरुष और कभी पार्टी का असली चेहरा। कुल मिलाकर पार्टी के आजतक के इतिहास का अहम अध्याय हैं लालकृष्ण आडवाणी।

जीवन वृत्त संपादित करें

आठ नवंबर, 1927 को वर्तमान पाकिस्तान के कराची में लालकृष्ण आडवाणी का जन्म हुआ था। उनके पिता श्री के डी आडवाणी और माँ ज्ञानी आडवाणी थीं। विभाजन के बाद भारत आ गए आडवाणी ने 25 फ़रवरी 1965 को 'कमला आडवाणी' को अपनी अर्धांगिनी बनाया। आडवाणी के दो बच्चे हैं।

लालकृष्ण आडवाणी की शुरुआती शिक्षा लाहौर में ही हुई पर बाद में भारत आकर उन्होंने मुम्बई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से लॉ में स्नातक किया। आज वे भारतीय राजनीति में एक बड़ा नाम हैं। गांधी के बाद वो दूसरे जननायक हैं जिन्होंने हिन्दू आन्दोलन का नेतृत्व किया और पहली बार बीजेपी की सरकार बनावाई। लेकिन पिछले कुछ समय से अपनी मौलिकता खोते हुए नज़र आ रहे हैं। जिस आक्रामकता के लिए वो जाने जाते थे, उस छवि के ठीक विपरीत आज वो समझौतावादी नज़र आते हैं। हिन्दुओं में नई चेतना का सूत्रपात करने वाले आडवाणी में लोग नब्बे के दशक का आडवाणी ढूंढ रहे हैं। अपनी बयानबाज़ी की वजह से उनकी काफी फज़ीहत हुई। अपनी किताब और ब्लॉग से भी वो चर्चा में आए। आलोचना भी हुई।

राजनैतिक जीवन संपादित करें

वर्ष 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की। तब से लेकर सन 1957 तक आडवाणी पार्टी के सचिव रहे। वर्ष 1973 से 1977 तक आडवाणी ने भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष का दायित्व सम्भाला। वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से 1986 तक लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के महासचिव रहे। इसके बाद 1986 से 1991 तक पार्टी के अध्यक्ष पद का उत्तरदायित्व भी उन्होंने सम्भाला।

1990 राम रथ यात्रा संपादित करें

इसी दौरान वर्ष 1990 में राम मन्दिर आन्दोलन के दौरान उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथ यात्रा निकाली। हालांकि आडवाणी को बीच में ही गिरफ़्तार कर लिया गया पर इस यात्रा के बाद आडवाणी का राजनीतिक कद और बड़ा हो गया।[1] 1990 की रथयात्रा ने लालकृष्ण आडवाणी की लोकप्रियता को चरम पर पहुँचा दिया था। वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनमें आडवाणी का नाम भी शामिल है।

पार्टी भूमिका संपादित करें

लालकृष्ण आडवाणी तीन बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। आडवाणी चार बार राज्यसभा के और पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे। वर्ष 1977 से 1979 तक पहली बार केन्द्रीय सरकार में कैबिनेट मन्त्री की हैसियत से लालकृष्ण आडवाणी ने दायित्व सम्भाला। आडवाणी इस दौरान सूचना प्रसारण मन्त्री रहे।

आडवाणी ने अभी तक के राजनीतिक जीवन में सत्ता का जो सर्वोच्च पद सम्भाला है वह है एनडीए शासनकाल के दौरान उपप्रधानमन्त्री का। लालकृष्ण आडवाणी वर्ष 1999 में एनडीए की सरकार बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केन्द्रीय गृहमन्त्री बने और फिर इसी सरकार में उन्हें 29 जून 2002 को उपप्रधानमन्त्री पद का दायित्व भी सौंपा गया।

भारतीय संसद में एक अच्छे सांसद के रूप में आडवाणी अपनी भूमिका के लिए कभी सराहे गए तो कभी पुरस्कृत भी किए गए।

धारण किये गये प्रमुख पद संपादित करें

  • 1967-1977 : दिल्ली महानगर परिषद के सदस्य (महापौर के रूप में भी कार्य किया)
  • 1970-1972 : भारतीय जनसंघ, दिल्ली के अध्यक्ष
  • 1970-1976: दिल्ली के राजगृह परिषद के सदस्य (अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया)
  • 1973-1977: भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष (अखिल भारतीय स्तर पर)
  • 1977-1979: सूचना और प्रसारण मंत्री (जनता पार्टी सरकार)
  • 1977-1979: राज्यसभा में सदन के नेता (जनता पार्टी सरकार)
  • 1978-1984 राज्यसभा के सदस्य (गुजरात से निर्वाचित)
  • 1980-1986: राज्यसभा में भाजपा के नेता
  • 1980-1986: भारतीय जनता पार्टी के महासचिव
  • 1986-1991: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (पहले 5 अध्यक्षों में से एक)
  • 1991-1998: लोकसभा में विपक्ष के नेता (भाजपा)
  • 1996-2009: राज्यसभा के सदस्य (मध्य प्रदेश से निर्वाचित)
  • 1998-2004: गृह मंत्री (भाजपा सरकार)
  • 1998-2004: गृह मामलों पर केंद्रीय कैबिनेट समिति के अध्यक्ष
  • 2002-2004: उप प्रधानमंत्री (भाजपा सरकार)
  • 2002-2004: सुरक्षा मामलों पर केंद्रीय मंत्रिमंडलीय समिति के अध्यक्ष
  • 2004-2009: लोकसभा में लोक लेखा समिति के अध्यक्ष
  • 2009: लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार
  • 2014-2020: भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य
  • 2024 में भारत सरकार द्वारा इनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "लालू प्रसाद यादव की ज़ुबानी, लालकृष्ण आडवाणी को क्यों और कैसे गिरफ्तार किया था". मूल से 7 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 दिसंबर 2017.

03 फ़रवरी 2024 को लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई!

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें