लाल मस्जिद की घेराबन्दी , जुलाई 2007 में इस्लामी कट्टरपन्थी आतङ्कवादियों और राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ और प्रधान मन्त्री शौकत अजीज के नेतृत्ववाली पाकिस्तान सरकार के बीच एक सशस्त्र टकराव था। इस ऑपरेशन का केन्द्र बिन्दु इस्लामाबाद में लाल मस्जिद और जामिया हफ्सा मदरसा के परिसर थे।

जनवरी 2006 से लाल मस्जिद और निकटवर्ती जामिया हफ्सा मदरसा को दो भाइयों, अब्दुल अजीज और अब्दुल रशीद के नेतृत्ववाले इस्लामी आतङ्कवादियों द्वारा संचालित किया गया था। इस संगठन ने पाकिस्तान में शरिया (इस्लामी धार्मिक कानून) लागू करने की वकालत की और खुले तौर पर पाकिस्तानी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। सैन्य अभियान से पहले 18 महीने तक लाल मस्जिद इस्लामाबाद में अधिकारियों के साथ लगातार संघर्ष में थी।

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