कैनिंग भारत के गवर्नर जनरल रहे थे। कैंनिग कार्यकाल दो भागो मे बँटा था, 1. कम्पनी के प्रतिनिधि
2. ताज के प्रतिनिधि रूप मे
भारत के ब्रिटिश ताज शासन मे आते ही दो शाखों का विकास हुआ था 1. भारत सचिव जो ब्रिटिश मंत्रिमंडल मे भारतीय मामलो का प्रभारी था
2.वायसराय तथा गवर्नर जनरल
3. 1857 के विद्रोह के बाद गोद निषेध नीति बंद कर दी गई नरेशों को उनकी सत्ता सुरक्षित रखने का वादा किया गया था
4. क्रांति मे हिंदू मुस्लिम एकता का परिनाम देख कर सरकार ने फ़ुट डालो राज करो की नीति अपना ली जिसके तहत अलीगढ़ आन्दोलन, बंग भंग, प्रथक निर्वाचन क्षेत्र प्रणाली का प्रयोग किया गया आगे चल कर यही भारत विभाजन का कारण बने
5. कैंनिग के कार्यकाल मे ही भारत के मुख्य क़ानून बने जैसे भारतीय दंड सहिंता आदि विद्रोह के दमन का खर्च वसूलने हेतु आयकर पहली बार लगाया गया था
6. प्रशासन से भारतीय लोगो को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हुई 1861 के एक्ट मे पहली बार भारतीय लोगो के प्रतिनिधि वायसराय की परिषद् मे रखने की परम्परा डाली गई थी
वैसे ये परिषद् "दरबार" के उपनाम से जानी गई इनके पास क़ानून निर्माण की शक्ति नहीं थी इनके सदस्ये निर्वाचित नहीं नामांकित होते थे व अंग्रेजो के पिट्ठू होते थे

लॉर्ड कैनिंग
पदवी भारत के गवर्नर जनरल Edit this on Wikidata

सन्दर्भ संपादित करें

७ 26 जुलाई 1856 ई.वी.को कैनिंग ने अनुच्छेद 15 के द्वारा विधवा पुनर्विवाह लागू कर दिया।। - कैनिंग के कार्यकाल में कलकत्ता विलय, मुंबई & मद्रास विश्वविद्यालय की 1857 ई.वी.मे स्थापना हुआ!