वयस्क (या बालिग) शब्द के तीन भिन्न अर्थ होते है। पहला: यह एक पूर्ण विकसित व्यक्ति को दर्शाता है, दूसरा: यह एक पौधे या जानवर को भी इंगित करता है जिसने पूर्ण विकास कर लिया हो (बडा़ हो गया हो) तीसरा: किसी काम के लिये व्यक्ति ने एक कानूनी उम्र प्राप्त कर ली हो (जैसे भारत में व्यस्क प्रमाणपत्र मिली फिल्म को देखने के लिये व्यक्ति को 18 वर्ष का होना अनिवार्य है)। यह नाबालिग का विलोम होता है।

वयस्क लोगों का समूह

वयस्कता को जीव विज्ञान, मनोवैज्ञानिक वयस्क विकास, कानून, व्यक्तिगत चरित्र, या सामाजिक स्थिति के संदर्भ में परिभाषित किया जा सकता है। वयस्कता के यह विभिन्न पहलु अक्सर असंगत और विरोधाभासी होते हैं। एक व्यक्ति जीव विज्ञान के अनुसार एक वयस्क, हो सकता है और उसके शारीरिक और व्यवहार संबंधी लक्षण भी वयस्को वाले हो सकते हैं लेकिन फिर भी उसे बच्चा माना जाएगा, क्योंकि उसने एक कानूनी उम्र नहीं प्राप्त की है। इसके विपरीत एक व्यक्ति कानूनी तौर पर एक वयस्क हो सकता है, भले ही उसमे वयस्क चरित्र को परिभाषित करने वाली परिपक्वता और जिम्मेदारी का कोई भी लक्षण ना हो।