चींटी वल्मीक (anthill) या चींटी छत्ता (ant nest) चींटियों के समूह का निवास या छत्ता होता है। चींटी एक सामाजिक कीट है, जो सामूहिक रूप से रहती है। इसके एक समूह में एक (या अधिक) रानी होती है, जो अण्डे देती है और कई अप्रजायी (संतान न कर सकने वाली) मादाएँ होती हैं, जो श्रमिकों और सैनिकों का काम करती हैं। कुछ ऋतुओं में पंखों वाले प्रजननीय नर और मादाएँ होते हैं। यह परों वाले नर व मादाएँ उड़कर अन्य स्थानों पर नए वल्मीक स्थापित करने का प्रयास करते हैं। इसके बाद सभी प्रजननीय नर और अधिकांश प्रजननीय मादाएँ मर जाती हैं और नए वल्मीक का आरम्भ बचने वाली उन बहुत कम संख्या की मादाओं से होता है।[1][2]

एक वल्मीक

वल्मीक शब्दार्थ व सन्दर्भ संपादित करें

"वल्मीक" एक ऐसा छत्ता होता है, जिसमें चींटी या उस जैसे अन्य कीटों ने एक मिट्टी का ढेर बना दिया हो। ऐसे छत्ते जो सतह पर भूमि से समतल हों "वल्मीक" नहीं कहलाते। दीमक के छत्ते आमतौर पर वल्मीक होते हैं और बहुत ऊँचे भी बन जाते हैं। वल्मीक के नीचे कीटों द्वारा करी हुई खुदाई से अक्सर बड़े बिल बने हुए होते हैं और जब कीट किसी वल्मीक को समय के बाद छोड़ देते हैं तो उसमें अक्सर कोई ओर प्राणी रहने लगता है। इसी कारण से भारत में कभी-कभी वल्मीकों को साँप का घर भी कहा जाता है।

ऋषि वाल्मिकी संपादित करें

रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि का नाम यह तब पड़ा जब वे घोर तपस्या कर रहे थे, जिस कारण उनके आसपास चींटियों ने वल्मीक बना लिए।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Proceedings of the Royal Society of London. Series B: Biological Sciences (1999). "Convergent evolution, superefficient teams and tempo in Old and New World army ants". Proceedings of the Royal Society of London. Series B: Biological Sciences. Royal Society Publishing. 266 (1429): 1697–1701. डीओआइ:10.1098/rspb.1999.0834. पी॰एम॰सी॰ 1690180.
  2. Wilson, E. O. (1957). "The Organization of a Nuptial Flight of the Ant Pheidole Sttarches Wheeler". Psyche: A Journal of Entomology (अंग्रेज़ी में). 64 (2): 46–50. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0033-2615. डीओआइ:10.1155/1957/68319.