विशालकाय लाल धब्बा (Great Red Spot (GRS)), बृहस्पति ग्रह पर निरंतर चलने वाला एक प्रतिचक्रवातीय तूफान है। यह कम से कम 400 वर्षों तक बना रहता है। मनुष्य ने दूरबीन के माध्यम से इसे देखा है।[1]यह भूमध्य रेखा के 22o दक्षिण में स्थित है। यह इतना बड़ा है कि इसे भूआधारित दूरबीन से देखना संभव है। इसका सर्वप्रथम प्रेक्षण 1831 में सैमुअल हेनरिक श्वाबे ने किया था।[2] [3] कई लोग विश्वास करते हैं, 1600 के दशक में गियोवन्नी कैसिनी ने पहली बार इसे देखा था, पर वैज्ञानिकों को उस समय यह अस्तित्व में था इस पर शंका है।[4]

विशालकाय लाल धब्बा (ऊपर) और ओवल बीए (निचले बाएं) की एक अवरक्त छवि। हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा बनाई गई एक छवि (तली में) तुलना के लिए दिखाई गई है।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "द ग्रेट रेड स्पॉट". मूल से 10 जून 2004 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जून 2013.
  2. "एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका". मूल से 8 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जून 2013.
  3. "सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह व उस पर उपस्थित विशालकाय लाल धब्बा". मूल से 13 जुलाई 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 जुलाई 2022.
  4. "युनीवर्स टु डे". मूल से 2 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जून 2013.