"आंबेडकर जयंती": अवतरणों में अंतर
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{{Infobox holiday
|holiday_name = डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर जयंती
|type = Secular
|longtype = Secular; [[डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर]] का जन्म दिवस
|image = Ambedkar Jayanti Procession.png
|caption = [[चैत्य भूमि]] में आंबेडकर जयंती
|official_name =
|nickname = भीम जयंती
|observedby = [[भारत]] एवं +65 देशों में
|date = 14 अप्रेल
|scheduling =
|duration = 1 दिवस
|frequency = वार्षिक
|celebrations = उत्सव
|observances =
|relatedto = [[अशोक विजयादशमी]]}}
'''आंबेडकर जयंती''' या '''भीम जयंती''' [[भीमराव अम्बेडकर|डॉ॰ भीमराव आंबेडकर]] जिन्हें '''बाबासाहेब''' के नाम से भी जाना जाता है, के जन्म दिन [[१४ अप्रैल]] को तौहार के रूप में भारत समेत पुरी दुनिया में मनाया जाता है।<ref> http://ccis.nic.in/WriteReadData/CircularPortal/D2/D02est/12_6_2015_JCA-2-19032015.pdf Ambedkar Jayanti from ccis.nic.in on 19th March 2015 </ref> इस दिन को 'समानता दिवस' और 'ज्ञान दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकी जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले प्रतिभाशाली डॉ॰ भीमराव आंबेडकर को समानता के प्रतिक और ज्ञान के प्रतिक भी कहां जाता है। भीमराव विश्व भर में उनके [[मानवाधिकार|मानवाधिकार आंदोलन]], संविधान निर्माण और उनकी प्रकांड विद्वता के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति वैश्विक स्तर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।
उनके जन्मदिन पर हर साल उनके लाखों अनुयायी उनके जन्मस्थल [[महू]] ([[मध्य प्रदेश]]), [[बौद्ध धर्म|बौद्ध धम्म]] दीक्षास्थल [[दीक्षाभूमि, नागपुर]] और उनका समाधी स्थल [[चैत्य भूमि]], [[मुंबई]] में उन्हें अभिवादन करने लिए इकट्टा होते है। सरकारी दफ्तरों और भारत के हर बौद्ध [[विहार]] में भी भीमराव की जयंती मनाकर उन्हें नमन किया जाता है। विश्व के 55 से अधिक देशों में डॉ॰ भीमराव आंबेडकर की जयंती मनाई जाती है।
[[गुगल]] ने
== १२५वी आंबेडकर जयंती ==
इस साल २०१६ में [[भारत सरकार]] ने बडे पैमाने पर भीमराव की १२५वी जयंती मनाई गई। [[संयुक्त राष्ट्र]] ने भी पहली बार
आंबेडकर जयंती 2016 पूरे भारत एवं अन्य कई देशों के लोगों द्वारा [[14 अप्रैल]], [[गुरूवार]] को मनाया गया।
==
भारत के लोगों के लिये
इस दिन को पूरे भारत वर्ष में सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित किया गया। नयी दिल्ली, संसद में उनकी मूर्ति पर हर वर्ष भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री (दूसरे राजनैतिक पार्टियों के नेताओं सहित) द्वारा सदा की तरह एक सम्माननीय श्रद्धांजलि दिया गया। अपने घर में उनकी मूर्ति रखने के द्वारा भारतीय लोग एक भगवान की तरह उनकी पूजा करते हैं। इस दिन उनकी मूर्ति को सामने रख लोग परेड करते हैं, वो लोग ढोल बजाकर नृत्य का भी आनन्द लेते हैं।
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आंबेडकर जयंती संपूर्ण विश्व में मनाई जाती हैं। अधिकांश रूप से आंबेडकर जयंती भारत में मनाई जाती है, भारत के हर राज्य में, राज्य के हर जिले में और जिले के लाखों गावों में मनाई जाती हैं। भारतीय समाज, लोकतंत्र, राजनिती आदी में भीमराव आंबेडकर का गहरा प्रभाव पडा हैं।
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[[भारत]], [[अमेरिका]], [[ऑस्ट्रिया]], [[बहरीन]], [[ब्राज़ील]], [[डेनमार्क]], [[बांग्लादेश]], [[मिस्र]], [[जर्मनी]], [[ग्वाटेमाला]], [[हांगकांग]], [[इंडोनेशिया]], [[इराक]], [[आयरलैण्ड]], [[सउदी अरब]], [[दक्षिण आफ़्रिका]], [[जापान]], [[मेडागास्कर]], [[मंगोलिया]], [[नेपाल]], [[ओमान]], [[फ़्रान्स]], [[श्रीलंका]], [[सेशेल्स]], [[दक्षिण सूडान]], [[स्पेन]], [[स्विट्ज़रलैण्ड]], [[तंज़ानिया]], [[संयुक्त राजशाही]] ([[ग्रेट ब्रिटेन]], [[लंदन]]), [[युक्रेन]], [[कनाडा]], [[हंगरी]], [[म्यान्मार]], [[कुवैत]], [[आस्ट्रेलिया]], [[मलेशिया]], [[न्यूज़ीलैण्ड]], [[थाईलैण्ड]], [[चीन]], [[पाकिस्तान]], [[दुबई]], [[कैलिफ़ोर्निया]], [[सैन फ्रांसिस्को]] आदी देश आंबेडकर जयंती मनाते हैं।<ref>संपूर्ण विश्व में १२५वी आंबेडकर जयंती [https://m.youtube.com/watch?v=QhgBUoVjeFw]</ref><ref> अलग देशों में आंबेडकर जयंती [https://m.youtube.com/watch?v=BtjBVEZPKm8]</ref><ref>https://m.youtube.com/watch?v=NkrcFfmrLJo</ref><ref>साजोकाजा, हंगरी में आंबेडकर जयंती [https://m.youtube.com/watch?v=frgibv0sviI]</ref><ref>https://m.youtube.com/watch?v=jw-L_TSnb1I</ref><ref>पॅरिस में आंबेडकर जयंती [https://m.youtube.com/watch?v=BF1RmLsxWv8]</ref><ref>जापान में आंबेडकर जयंती [https://m.youtube.com/watch?v=Zz_blsLe1xE]</ref><ref>कूवैत में आंबेडकर जयंती [https://m.youtube.com/watch?v=ZXiGmkYcDMU]</ref><ref>न्यूझीलैंड में आंबेडकर जयंती [https://m.youtube.com/watch?v=jw-L_TSnb1I]</ref><ref>ऑस्ट्रेलिया में आंबेडकर जयंती [https://m.youtube.com/watch?v=N-X1bOIC2Yo]</ref><ref>नेपाल में आंबेडकर जयंती [https://m.youtube.com/watch?v=7Oe5pl87qhE]</ref>
== संयुक्त राष्ट्र में आंबेडकर जयंती ==
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संयुक्त राष्ट्र के अगले महासचिव पद के उम्मीदवारों में शामिल क्लार्क ने कहा, ‘हम वर्ष 2030 के एजंडे और दुनिया भर के गरीब एवं वंचित लोगों के लिए डॉ॰ आंबेडकर की सोच को हकीकत में बदलना सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ अपनी बेहद करीबी साझेदारी को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
भारतीय संविधान के शिल्पी, दलित मसिहा, [[बोधिसत्व]] बाबासाहेब डॉ॰ भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती [[14 अप्रेल]] [[2016]], [[बुधवार]] को इस वैश्विक संस्था में मनाई गई थी। उसका आयोजन नागरिक समाज के समूहों [[कल्पना सरोज]] फाउंडेशन और फाउंडेशन आॅफ ह्यूमन होराइजन के साथ मिल कर किया गया। संयुक्त राष्ट्र विकास समूह की अध्यक्ष क्लार्क ने राजनयिकों, विद्वानों और डॉ॰ आंबेडकर के अनुयायियों को अपने संबोधन में कहा कि “यह अवसर ऐसे ‘बहुत महान व्यक्ति की विरासत’ को याद करता है, जिन्होंने इस बात को समझा कि ‘अनवरत चली आ रहीं और बढ़ती असमानताएं’ देशों और लोगों की आर्थिक और सामाजिक कल्याण के समक्ष मूल चुनौतियां पेश करती हैं।”
[[न्यूजीलैंड]] की पूर्व [[प्रधानमंत्री]] क्लार्क ने कहा कि “डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के आदर्श आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने वे 60 साल पहले थे। वंचित समूहों के समावेश और सशक्तीकरण, श्रम कानूनों में सुधार और सभी के लिए शिक्षा को बढ़ावा देने पर आंबडेकर की ओर से किए गए काम ने उन्हें ‘भारत और अन्य देशों में हाशिए पर जी रहे लोगों के लिए प्रतीक बना दिया।”<ref>http://www.jansatta.com/international/he-struggled-for-people-around-the-globe-plea-in-un-to-declare-ambedkar-jayanti-world-equality-day/85974/#sthash.uNBoiKuT.dpuf</ref>
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भीमराव के व्यापक विकास लक्ष्यों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने डॉ॰ अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई है, और इस अवसर पर संरा से इस दिन को '''अंतरराष्ट्रीय समानता दिवस''' घोषित करने की मांग की गयी है।
पंजाब असेंबली स्पीकर [[चरनजीत सिंह अटवाल]] ने अंबेडकर जयंती के अवसर पर कहा, ‘मेरा मानना है समानता के लिए
क्लार्क ने कहा, ‘ अंबेडकर असमानता के कारण अच्छे लोगों में बदलावों को समझा और संरा ने अपने लक्ष्य में असमानता को हटाने का निर्णय लिया है।‘ क्लार्क अब संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यकर्म की प्रमुख और आगामी चुनावों में संरा की जनरल सेक्रेटरी के लिए उम्मीदवार हैं। संरा में भारतीय मिशन के द्वारा पहली बार इस मौके को मनाए जाने का निर्णय लिया गया।
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राजदूतों, अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों, शिक्षा क्षेत्र से लोगों के साथ अमेरिका में रह रहे भारतीयों समेत कुल 550 से अधिक लोग इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के कांफ्रेंस रूम में उपस्थित थे। प्रवेश द्वार पर नर्तकों व ड्रम वादकों को अभिवादन के लिए रखा गया था। न्यूयार्क के बेगमपुरा कल्चरल असोसिएशन ने सुसज्जित अंबेडकर की प्रतिमा संयुक्त राष्ट्र को दिया। कमानी ट्यूब्स की चेयरपर्सन, कल्पना सरोज का फाउंडेशन इस मौके के लिए को-स्पांसर कर रहा।
==डॉ॰ आंबेडकर के योगदान ==
* निम्न वर्ग समूह के लोगों के लिये अस्पृश्यता के सामाजिक मान्यता को मिटाने के लिये उन्होंने काम किया। बॉम्बे हाई कोर्ट में वकालत करने के दौरान उनकी सामाजिक स्थिति को बढ़ाने के लिये समाज में अस्पृश्यों को ऊपर उठाने के लिये उन्होंने विरोध किया। दलित वर्ग के जातिच्युतता लोगों के कल्याण और उनके सामाजिक-आर्थिक सुधार के लिये अस्पृश्यों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये ‘बहिष्कृत हितकरनी सभा’ कहे जाने वाले एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। “मूक नायक, बहिष्कृत भारत और जनता समरुपता” जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन द्वारा उन्होंने दलित अधिकारों की भी रक्षा की।
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==इन्हें भी देखें==
* [[धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस]]
* [[बुद्ध जयंती]]
* [[स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी]]
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