"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 224:
 
==लेखन साहित्य==
भीमराव आम्बेडकर प्रतिभाशाली एवं जुंझारू लेखक थे। उनको कुल दसग्रारह भाषाओं का ज्ञान था, जिसमें [[मराठी भाषा|मराठी]] (मातृभाषा), [[अंग्रेजी]], [[हिन्दी]], [[पालि]], [[संस्कृत]], [[गुजराती भाषा|गुजराती]], [[जर्मन]], [[फ़ारसी भाषा|फारसी]], [[फ्रेंच]], [[कन्नड]] और [[बंगाली भाषा|बंगाली]] ये भाषाएँ शामील है।<ref>{{Cite book|title=माझी आत्मकथा|last=आंबेडकर|first=डॉ. बाबासाहेब|publisher=|year= 2012|isbn=|location=|pages=|language=मराठी}}</ref> आम्बेडकर ने अपने समकालिन सभी राजनेताओं की तुलना में सबसे अधिक लिखालेखन है।किया हैं।<ref>{{Cite book|title=बोल महामानवाचे|last=जाधव|first=डॉ. नरेंद्र|publisher=ग्रंथाली|year=24 अक्तुबर 2012|isbn=9789380092300|location=|pages=5|language=मराठी}}</ref> उन्होंने अधिकांश लेखन अंग्रेजी में किया हैं। सामाजिक संघर्ष में हमेशा सक्रिय और व्यस्त होने के साथ ही, उनके द्वारा रचित अनेकों किताबें, निबंध, लेख एवं भाषणों का बड़ा संग्रह है। वे असामान्य प्रतिभा के धनी थे। उनके साहित्यिक रचनाओं को उनके विशिष्ट सामाजिक दृष्टिकोण, और विद्वता के लिए जाना जाता है, जिनमें उनकी दूरदृष्टि और अपने समय के आगे की सोच की झलक मिलती है।
 
आम्बेडकर के ग्रंथ भारत सहित पुरे विश्व में बहुत पढे जाते है। [[भगवान बुद्ध और उनका धम्म]] यह उनका ग्रंथ 'भारतीय बौद्धों का धर्मग्रंथ' है तथा बौद्ध देशों में महत्वपुर्ण है।<ref>{{cite book|author=Christopher Queen|editor=Steven M. Emmanuel|title=A Companion to Buddhist Philosophy|url=https://books.google.com/books?id=P_lmCgAAQBAJ |year=2015|publisher=John Wiley & Sons|isbn=978-1-119-14466-3|pages=529–531}}</ref> उनके डि.एस.सी. प्रबंध ''द प्रॉब्लम ऑफ द रूपी : इट्स ओरिजिन ॲन्ड इट्स सोल्युशन'' से भारत के केन्द्रिय बैंक यानी [[भारतीय रिज़र्व बैंक]] की स्थापना हुई है।<ref>[http://topyaps.com/reserve-bank-of-india-facts-2]</ref><ref> [https://drambedkarbooks.com/tag/dr-ambedkars-role-in-the-formation-of-reserve-bank-of-india/]</ref><ref>http://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/Publications/PDFs/RBI290410BC.pdf</ref>