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19 मई 2024
- अन्तरइतिहास भारत [लंबित संपादन(जाँच बाकी)] 07:41 +239 रोहित साव27 वार्ता योगदान (Restored revision 6077191 by रोहित साव27 (Restorer)) टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
- अन्तरइतिहास छो भारत [लंबित संपादन(जाँच बाकी)] 07:39 −365 रोहित साव27 वार्ता योगदान (HINDUSTANCOUNTRY (Talk) के संपादनों को हटाकर Anupom Nath के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया) टैग: वापस लिया
- अन्तरइतिहास काशी 07:39 +4 Nitinkrishna वार्ता योगदान (→यहां के मन्दिर) टैग: यथादृश्य संपादिका
- अन्तरइतिहास दयानन्द सरस्वती 04:12 +47 अनुनाद सिंह वार्ता योगदान (→इन्हें भी देखें)
- अन्तरइतिहास दयानन्द सरस्वती 04:02 +193 अनुनाद सिंह वार्ता योगदान (→समाज सुधार के कार्य)
- अन्तरइतिहास दयानन्द सरस्वती 04:00 +4,281 अनुनाद सिंह वार्ता योगदान (→समाज सुधार के कार्य)
18 मई 2024
- अन्तरइतिहास भारत [लंबित संपादन(जाँच बाकी)] 16:54 +365 HINDUSTANCOUNTRY वार्ता योगदान (भारत देश धर्म के नाम के अनुसार देश हिंदुस्तान और पाकिस्तान के नाम से बटवारा हुआ है हिंदुस्तान में हिंदू भूमि हिंदू का देश जय हिंदुस्तान) टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन
17 मई 2024
- अन्तरइतिहास वेद 09:13 +7 2402:8100:2665:922c:a51c:f7cc:cc1:5fae वार्ता (15) टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
16 मई 2024
- अन्तरइतिहास छो दर्शनशास्त्र 20:54 −125 WikiBayer वार्ता योगदान (2409:40E4:1005:FE71:8000:0:0:0 (Talk) के संपादनों को हटाकर रोहित साव27 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया) टैग: वापस लिया
- अन्तरइतिहास दर्शनशास्त्र 17:50 +125 2409:40e4:1005:fe71:8000:: वार्ता टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- अन्तरइतिहास काशी 09:28 +763 Nitinkrishna वार्ता योगदान (महादेव जी का पूर्व दिशा में एक बहुत ही अध्भुत लिंग है जिसे गोप्रेक्ष नाम से जाना जाता है, यह अर्धनारीश्वर का ऐसा स्वरूप जिसमें शिव स्वयं लिंग रूप में और मां गौरी स्वयं मूर्ति रूप में एक ही विग्रह में साथ-साथ विराजते हैं भगवान शंकर ने गायो को स्वयं गोलोक से काशी जाने का आदेश दिया, जब वे भोलेनाथ की आज्ञा से काशी पहुंचे तो भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर मां गौरी सहित दर्शन दिए, गायो को दर्शन देने के कारण गोप्रेक्ष नाम हुआ, और यहां दर्शन करने से अनंत गौ दान का फल प्राप्त होता है और दम्पत्य क्लेश नाश होत) टैग: यथादृश्य संपादिका
- अन्तरइतिहास काशी 05:30 +123 Nitinkrishna वार्ता योगदान (→यहां के मन्दिर: महादेवस्य पूर्वेण गोप्रेक्षं लिंगमुत्तमम् ।। ९ ।। तद्दर्शनाद्भवेत्सम्यग्गोदानजनितं फलम् ।। गोलोकात्प्रेषिता गावः पूर्वं यच्छंभुना स्वयम् ।। १० ।। वाराणसीं समायाता गोप्रेक्षं तत्ततः स्मृतम् ।। गोप्रेक्षाद्दक्षिणेभागे दधीचीश्वरसंज्ञितम् ||११||) टैग: यथादृश्य संपादिका
- अन्तरइतिहास काशी 05:23 +5,422 Nitinkrishna वार्ता योगदान (→काशी के मंदिर और घाट: गोलोक से भगवान शंकर की एक कथा बहुत ही प्रचलित है कि भगवान शंकर ने गऊ को काशी जाने का आदेश दिया, जब वे भोलेनाथ की आज्ञा से काशी पहुंचे तो भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर मां गौरी सहित दर्शन दिए, गायो को भगवान शंकर ने लिंग स्वरूप में और मां गौरी ने मूर्ति स्वरूप में एक ही विग्रह में साथ-साथ साक्षात दर्शन दिए, गौओ के इस प्रकार शंकर और मा गौरी के प्रत्यक्ष दर्शन से गोप्रेक्ष नाम हुआ। और भगवान ने आशीर्वाद दिया कि जो कलयुग में जो मनुष्य गोप्रेक्ष का दर्शन करेगा उसको अनंत गौदान का) टैग: यथादृश्य संपादिका
- अन्तरइतिहास काशी 05:07 +710 Nitinkrishna वार्ता योगदान (काशी में माधव गोपियो के साथ पूजे जाते हैं, इस तीर्थ का नाम गोपी गोविंद है, इसी स्थान पर गायो को भगवान शंकर ने लिंग स्वरूप में और मां गौरी ने मूर्ति स्वरूप में एक ही विग्रह में साथ-साथ साक्षात दर्शन दिए, गौओ के इस प्रकार शंकर और मा गौरी के प्रत्यक्ष दर्शन से गोप्रेक्ष नाम हुआ।) टैग: यथादृश्य संपादिका