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16 मई 2024
- अन्तरइतिहास काशी 09:28 +763 Nitinkrishna वार्ता योगदान (महादेव जी का पूर्व दिशा में एक बहुत ही अध्भुत लिंग है जिसे गोप्रेक्ष नाम से जाना जाता है, यह अर्धनारीश्वर का ऐसा स्वरूप जिसमें शिव स्वयं लिंग रूप में और मां गौरी स्वयं मूर्ति रूप में एक ही विग्रह में साथ-साथ विराजते हैं भगवान शंकर ने गायो को स्वयं गोलोक से काशी जाने का आदेश दिया, जब वे भोलेनाथ की आज्ञा से काशी पहुंचे तो भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर मां गौरी सहित दर्शन दिए, गायो को दर्शन देने के कारण गोप्रेक्ष नाम हुआ, और यहां दर्शन करने से अनंत गौ दान का फल प्राप्त होता है और दम्पत्य क्लेश नाश होत) टैग: यथादृश्य संपादिका
- अन्तरइतिहास काशी 05:30 +123 Nitinkrishna वार्ता योगदान (→यहां के मन्दिर: महादेवस्य पूर्वेण गोप्रेक्षं लिंगमुत्तमम् ।। ९ ।। तद्दर्शनाद्भवेत्सम्यग्गोदानजनितं फलम् ।। गोलोकात्प्रेषिता गावः पूर्वं यच्छंभुना स्वयम् ।। १० ।। वाराणसीं समायाता गोप्रेक्षं तत्ततः स्मृतम् ।। गोप्रेक्षाद्दक्षिणेभागे दधीचीश्वरसंज्ञितम् ||११||) टैग: यथादृश्य संपादिका
- अन्तरइतिहास काशी 05:23 +5,422 Nitinkrishna वार्ता योगदान (→काशी के मंदिर और घाट: गोलोक से भगवान शंकर की एक कथा बहुत ही प्रचलित है कि भगवान शंकर ने गऊ को काशी जाने का आदेश दिया, जब वे भोलेनाथ की आज्ञा से काशी पहुंचे तो भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर मां गौरी सहित दर्शन दिए, गायो को भगवान शंकर ने लिंग स्वरूप में और मां गौरी ने मूर्ति स्वरूप में एक ही विग्रह में साथ-साथ साक्षात दर्शन दिए, गौओ के इस प्रकार शंकर और मा गौरी के प्रत्यक्ष दर्शन से गोप्रेक्ष नाम हुआ। और भगवान ने आशीर्वाद दिया कि जो कलयुग में जो मनुष्य गोप्रेक्ष का दर्शन करेगा उसको अनंत गौदान का) टैग: यथादृश्य संपादिका
- अन्तरइतिहास काशी 05:07 +710 Nitinkrishna वार्ता योगदान (काशी में माधव गोपियो के साथ पूजे जाते हैं, इस तीर्थ का नाम गोपी गोविंद है, इसी स्थान पर गायो को भगवान शंकर ने लिंग स्वरूप में और मां गौरी ने मूर्ति स्वरूप में एक ही विग्रह में साथ-साथ साक्षात दर्शन दिए, गौओ के इस प्रकार शंकर और मा गौरी के प्रत्यक्ष दर्शन से गोप्रेक्ष नाम हुआ।) टैग: यथादृश्य संपादिका
- अन्तरइतिहास भारतेन्दु हरिश्चंद्र 04:42 +6 Vinay Kumar Rajpoot वार्ता योगदान (→मौलिक नाटक[1]: कई त्रुटियां थीं, वर्ष को क्रमांकानुसार लगाया, और सत्य हरिशचंद्र नाटक को हटाया, क्योंकि सत्य हरिशचंद्र अनुदित नाटक के अंतर्गत आता है।) टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
13 मई 2024
- अन्तरइतिहास हिंदी शब्दसागर 15:56 +11 112.133.246.70 वार्ता (व्याकरण ठीक करी) टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- अन्तरइतिहास जयशंकर प्रसाद 15:45 0 2409:4063:8e08:69e3::b94a:1a03 वार्ता टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- अन्तरइतिहास रामचन्द्र शुक्ल 09:06 +19 2409:4089:bd99:fa3f:21f9:c9e2:3777:5417 वार्ता (सूर्य तुलसी के बाद बनादास जी आते हैं) टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- अन्तरइतिहास रामचन्द्र शुक्ल 06:10 +20 2409:4089:8309:4b42:59db:6343:329:f58 वार्ता (और तुलसी के बाद बनादास ही आते हैं) टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- अन्तरइतिहास रामचन्द्र शुक्ल 06:07 +1,025 2409:4089:8309:4b42:59db:6343:329:f58 वार्ता (कुछ चीज छूट जाने के पश्चात दोबारा मैं प्रयास किया है) टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- अन्तरइतिहास रामचन्द्र शुक्ल 05:54 −719 2409:4089:8309:4b42:59db:6343:329:f58 वार्ता (आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी ने महात्मा बनादास जी के बारे में लिखा है?) टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
12 मई 2024
- अन्तरइतिहास छो जयशंकर प्रसाद 15:25 −58 AramilFeraxa वार्ता योगदान (केशव प्रसाद अवस्थी (talk) के संपादनों को हटाकर 2409:4089:CE92:905C:0:0:6E0A:4813 (6116735) के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया: स्पैम लिंक।) टैग: वापस लिया SWViewer [1.6]
- अन्तरइतिहास छो जयशंकर प्रसाद 15:25 +58 केशव प्रसाद अवस्थी वार्ता योगदान टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
11 मई 2024
- अन्तरइतिहास जयशंकर प्रसाद 17:00 −41 2409:4089:ce92:905c::6e0a:4813 वार्ता (Hdhshsh) टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन